पत्र लिखने के बावजूद अभी तक नहीं सुधारे गये प्लांट
उज्जैन, अग्निपथ। संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं मध्य प्रदेश द्वारा 24 नवम्बर को प्रदेश के सभी आक्सीजन प्लांटों की सेहत जानने के लिये मॉकड्रिल आयोजित करने के निर्देश प्रदान किये गये थे। उज्जैन के जिला और चरक अस्पताल में तो मॉकड्रिल हो गई लेकिन माधव नगर अस्पताल के दो प्लांटों की मॉकड्रिल नहीं हो पायी क्योंकि दोनों कई दिनों से खराब पड़े हुए हैं। प्रभारी द्वारा पत्र लिखे जाने के बावजूद टेक्नीशियन अभी तक आक्सीजन प्लांट सुधारने नहीं पहुंच पाये हैं।
प्रदेश के विभिन्न शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में संचालित पीएसए (ऑक्सीजन) प्लांट की क्रियाशीलता की मॉक ड्रिल पूर्व में 11 अप्रैल 2023 को प्रदेश के शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों एवं शासकीय चिकित्सालयों में स्थापित पीएसए प्लांट की क्रियाशीलता सुनिश्चित करने हेतु राज्य स्तरीय मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया था।
उपरोक्त मॉक ड्रिल में ऑक्सीजन गैस की शुद्धता को प्रत्येक 2 घंटे में चेक करने हेतु निर्देशित किया गया था। इसी तारत य में उज्जैन में संचालित पीएसए प्लांट की क्रियाशीलता सुनिश्चित करने हेतु 24 नव बर को सुबह 11 बजे से सायं 3 बजे तक मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाना था। जिला अस्पताल के 1 और चरक अस्पताल के 2 आक्सीजन प्लांट की मॉक ड्रिल की गई।
टेक्नीशियनों को पत्र लिखा
हालांकि जिला अस्पताल का एक और चरक अस्पताल के दो आक्सीजन प्लांट मॉकड्रिल में खरे उतरे हैं। लेकिन माधव नगर अस्पताल के दोनों आक्सीजन प्लांट खराब पड़े हुए हैं। माधव नगर अस्पताल प्रभारी ने बताया कि दोनेां प्लांटों का मेंटेनेंस करवाने के लिये अहमदाबाद स्थित टेक्नीशियनों को पत्र लिखा जा चुका है, लेकिन अभी तक इनका सुधार नहीं हो पाया है।
ऑक्सीजन की शुद्धता और रिसाव देखना
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्लांट के मॉकड्रिल के निर्देश तो उपर से दिये जा चुके हैं, लेकिन इनको पूरे प्रेशर से चलाया नहीं जा सकता। कोविड के बाद अस्पतालों में आक्सीजन के लिये उतनी सं या में मरीज भर्ती नहीं हुए, लिहाजा प्लांट पूरी क्षमता से नहीं चलाये जा रहे। हालंाकि मॉकड्रिल में निर्धारित समय सीमा में ऑक्सीजन गैस की शुद्धता 70-77 प्रतिशत प्राप्त होने और पाइप लाइन में कोई रिसाव तो नहीं इसी को देखने के लिये मॉकड्रिल का आयोजन किया गया था।