देवास, अग्निपथ। सबसे अधिक दुर्घटनाएं अमेरिका में होती हैं, किंतु वहां मृत्यु दर कम है। जबकि अमेरिका की तुलना में भारत में दुर्घटनाएं कम होती हैं किंतु मृत्यु दर अधिक है। इसका मुख्य कारण है यातायात सुरक्षा नियमों के बारे में अनभिज्ञता या अनदेखी। कई बार लाड़ प्यार में या बच्चों की जिद के कारण माता पिता 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को वाहन चलाने की छूट दे देते हैं। ऐसा करना नियम विरूद्ध है।
जयहिन्द सखी मंडल के सहयोग से आयोजित यातायात सुरक्षा कार्यशाला में सूबेदार गोविंदसिंह गौड़ ने उक्त ने यह समझाइश दी। दुर्घटना होने की स्थिति में माता पिता को भी दोषी माना जाता है। सडक़ दुर्घटना का एक बड़ा कारण वाहनों की बढ़ती संख्या और तेज गति है। सांसे आपकी है इसलिए वाहन भी आपको ही धीरे चलाना है। जीवन अनमोल है इसे दुर्घटना से बेमोल मत कीजिए । शरीर शिव है इसे दुर्घटना से शव मत बनाइए।
यातायात सुरक्षा के लिए क्या करें
बस में सीट न हो तो खड़े खड़े यात्रा न करें। वन वे में रांग साइड से न आइए। पार्किंग का उपयोग करें। चौराहों पर सिग्नल का ध्यान रखें। यदि आप लाल लाईट पर रूकते हैं तो यमराज भी आपकी ओर बढऩे से रूक जाते हैं। स्टाप लाईन के पीछे ही रूके। पापा को हेलमेट जरूर पहनाइए । संबंधित पेपर्स हमेशा गाड़ी में रखे। पुलिस हाथ दे तो गाड़ी रोकिए भगाइए मत। मुडऩे के लिए इंडीकेटर की मदद लें। बिना साइड लिए सायकल भी एकदम न मोड़ें। गाडी का मेंटेनेंस नियमित कराएं। गाड़ी में फर्स्ट एड रखें।
क्या न करें
- सडक़ पर झुुंड बनाकर न चलें।
- सडक़ पर रेस न लगाएं।
- गाड़ी चलाते समय मोबाइल का उपयोग स्वयं भी न करें और न पीछे बैठी सवारी को करने दें। इससे ध्यान भटकता हैं।
- रोड़ पर खड़े होकर बात न करें।
- स्पीड ब्रेकर पर गाड़ी तेजी से न निकालें।
- बंद रेलवे क्रांसिंग से गाड़ी या सायकल झुकाकर निकालने का प्रयास न करें।
- बिना लायसेंस गाड़ी न चलाएं।
- अत्यधिक क्रोध या खुशी की स्थिति में वाहन न चलाएं।
- अनियमित शारीरिक परिस्थितियां दुर्घटना को न्यौता दे सकती हैं।
पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय के निर्देशन में यातायात थाना प्रभारी पवन बागड़ी के मार्गदर्शन में चलाए जा रहे यातायात जागरूकता अभियान अंतर्गत जयहिन्द सखी मंडल के सहयोग से आयोजित यातायात सुरक्षा कार्यशाला में सूबेदार गोविंदसिंह गौड़ ने उक्त समझाइश देते हुए छात्राओं से आग्रह किया कि सायकिल चलाने में भी नियमों का पालन करें। इस अवसर पर ईश्वर पाटीदार ने कहा कि यातायात नियम जीवन के लिए बने हैं जीवन को अवरूद्ध करने के लिए नहीं।
कार्यशाला में छाया वर्मा, प्रेरणा कुमरे, खुशी अग्रवाल, तनु परमार, सरिता अंजना, नैना गुुजराती, जान्हवी कुशवाह, पम्मी सोलंकी, संगीता पारस, राधा कुमावत, श्रुति विश्वकर्मा, समीक्षा चौधरी, तनुश्री विश्वकर्मा, लक्ष्मी बाली, अंजली कनासे, शबाना शाह, रिया चौहान , किरण कुमावत सहित बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित थीं। अतिथि स्वागत वैशाली शर्मा और निकिता मंडोर ने किया । उद्देश्य प्रस्तुतिकरण स्नेहा ठाकुर ने किया। संचालन शिवानी पंडित ने किया तथा आभार अंबिका परमार ने माना।