उज्जैन। नगर निगम में किस तरह की लापरवाही और गड़बड़ी चल रही इसका उदाहरण आज बगैर परमिशन और बगैर अनुमति के लगने वाले झूलों को देखकर लगाया जा सकता है। बताया जाता है कि यह झूले निगम के अफसरों और कई राजनेताओं के इशारों पर लगाए गए हैं। जबकि निगम ने अभी तक झूलों के टेंडर नहीं खोले हैं। परन्तु लोगों ने वहां झूले लगा लिए हैं।
इस संबंध में कार्तिक मेला झूला एसोसिशन के अध्यक्ष अब्दुल अजीज जैदी का कहना है कि निगम ने दो तरह की बातें करता है। एक तरफ ऑनलाइन टेंडर के नाम पर पुराने झूलों वालों पर दबाव बनाया जा रहा है दूसरी तरफ बगैर परमिशन के झूले लगवाए जा रहे हैं। इस मामले में नगर निगम के सहायक आयुक्त प्रदीप सेन और नोडल अधिकारी गोपाल बोयत की जि मेदारी बनती है। देर रात तक सेन का पक्ष लेने के लिए संपर्क किया गया था। परन्तु सेन ने अपना फोन बंद कर दिया था।
स्नान पर्व पर निगम ने की विभिन्न व्यवस्थाएं
कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर्व के अवसर पर नगर निगम द्वारा सिद्धवट, दत्त अखाड़ा, रामघाट, नरसिंह घाट सहित नदी क्षेत्र में विशेष सफ़ाई एवं प्रकाश व्यवस्था के साथ ही घाट क्षेत्रों में विभिन्न स्थानों पर महिलाओं के वस्त्र बदलने हेतु वाटर प्रूफ कवर्ड चेंजिंग रूम बनवाए गए हैं । नगर निगम अमला घाटों पर तैनात रह कर नियमित व्यवस्थाओं के साथ श्रद्धालुओं का मार्गदर्शन भी कर रहा है। निगम द्वारा आम श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे नदी में गहरे पानी में ना जाएं, सुरक्षित स्नान करें, अनुपयोगी सामग्री, खाद्य तथा पूजन इत्यादि की सामग्री नदी में ना डालें।