रातभर बरसने के बाद सुबह फिर हुआ शुरू, आगे और बरसात की संभावना कम
उज्जैन, अग्निपथ। शहर में रविवार दोपहर से चल रही बारिश सोमवार सुबह तक रुक-रुक कर होती रही। नवम्बर के आखिरी हफ्ते में इस बार पहली बार गिरे मावठे ने मौसम में ठण्डक घोल दी। बारिश का रुख ऐसा रहा कि रातभर रुक-रुककर बारिश होती रही। इस तरह 24 घंटे में डेढ़ इंच से ज्यादा बारिश हुई है।
खास बात यह कि इस सीजन में पहली बार दिन का पारा 21.5 डिग्री पर आया जबकि रात का पारा भी 15 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। सोमवार को सुबह से भी बादल, बारिश और बीच-बीच में धूप निकलने का दौर जारी रहा।
जीवाजीराव वेधशाला अधीक्षक राजेन्द्र प्रकाश गुप्त ने उज्जैन में अब बारिश की संभावना कम व्यक्त की है, क्योंकि अरब सागर की ओर से उठा सिस्टम उज्जैन होता हुआ भोपाल की ओर बढ़ गया है। आज मंगलवार को मौसम साफ हो जायेगा। ज्ञात रहे कि रविवार दोपहर करीब 4 बजे से बारिश का यह सिलसिला सोमवार सुबह तक जारी रहा।
इससे रात और दिन का पारा तेजी से नीचे गिरने के कारण ठिठुरन भी बढ़ गई। रविवार को सुबह से ही बादल छाए थे और दोपहर तक धूप का नामोनिशान नहीं था। रविवार तक रात का तापमान जहां 16.2 डिग्री बना हुआ था वहीं सोमवार रात का पारा 1.2 डिग्री लुढक़कर 15 डिग्री पर आ गया। रविवार को दिन का तापमान 23.7 डिग्री रिकॉर्ड किया गया।
खानपान के ठिये गुलजार
उज्जैन शहर में हल्की बारिश के कारण कई जगह सडक़ों में जलजमाव हो गया। बारिश के कारण मौसम में ठंडक घुल गई। देर शाम ठिठुरन बढऩे से लोग रेनकोट के साथ गर्म कपड़ों में लिपटे नजर आए। खानपान के ठीये भी गुलजार रहे। दूध के कढ़ाव पर लोगों की भीड़ देखी गई। लोगों ने जलेबी और गराड़ू का भी लुत्फ उठाया।
किसानों ने बारिश को बताया वरदान
उज्जैन के किसान धना बा ने बताया कि क्षेत्र में लगभग सभी जगह गेहूं की बोवनी हो गई है। कहीं-कहीं पानी भी दिया जा रहा था। आलू तो लगभग पक चुका है या अधिकतर जगहों पर आखिरी बार पानी दिया जा रहा था। अब इस बारिश ने गेहूं, प्याज, लहसुन लगाने वाले किसानों के लिए बड़ी राहत दी है। जो किसान सब्जी की खेती कर रहे हैं, उनके लिये भी मावठे की बारिश वारदान बनकर आई है।
नवम्बर में सालों बाद 24 घंटे में डेढ़ इंच के लगभग बारिश
वेधशाला अधीक्षक श्री गुप्त ने बताया कि दरअसल नवम्बर में दक्षिण पश्चिम मानसून के समाप्त हो जाने के बाद मौसम सामान्यत: शांत होता है। इस माह में आकाश सामान्यत: साफ या हल्के बादलों से घिरा दिखाई देता है। अक्टूबर के समान इस माह में उमस महसूस नहीं होती है। इस माह में के तापमान में गिरावट देखने को मिलती है।
मानसून की आर्द्र हवाओं की जगह, उत्तरी हवाएं ले लेती है। सुबह सामान्यत: सुहावनी एवं शांत होती है । उत्तरी भारत से होकर जाने वाली पश्चिमी विक्षोभों के प्रभाव से उज्जैन में कभी-कभी तेज बौछारें होती हैं। बहुत कम अवसरों पर सुबह के समय कोहरा भी होता है, जिससे दृश्यता में कमी देखने को मिलती है।