9 से 10 दिन पहले पैदा नवजात घर के पीछे बाड़े में मिला – धार के एसएनसीयू में करवाया भर्ती
धार, अग्निपथ। जिले में बीते 24 घंटे से बादल और मावठेे सक्रिय है। इस कड़ाके की ठंड के बीच मानवता को शर्मसार करने का मामला सामने आया है। इस खराब मौसम में निर्दयी मां ने अपने दूध मुंहे नवजात को मरने के लिए प्लास्टिक के थैले में भरकर फेंक दिया। सोमवार सुबह एक महिला ने नवजात को देखा तो पुलिस को सूचना की।
पुलिस की मौजूदगी में नवजात को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां से इलाज के लिए नवजात को जिला अस्पताल के एसएनसीयू यानी गहन चिकित्सा शिशु इकाई में भेजा गया। फिलहाल नवजात की हालत स्थिर है। डॉक्टरों की टीम नवजात की निगरानी कर रही है।
मामला जिले के राजगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम दत्तीगांव का है।
जहां पर रविवार रात में एक घर के पीछे बाड़े में अज्ञात निर्दयी मां द्वारा 9 से 10 दिन के नवजात को कूड़े में फेंक दिया गया। नवजात को प्लास्टिक के थैले में रखकर फेंका गया था। नवजात के रोने की आवाज जब एक महिला पाचुडी बाई ने सुनी तो अपने भतीजे अखिलेश को लेकर कूड़े के ढेर पर पहुंची और बच्चे को देखने के बाद पुलिस को सूचना दी गई।
इसके बाद नवजात को गंभीर अवस्था में सरदारपुर स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया। जहां गंभीर अवस्था को देखते हुए नवजात को धार जिला अस्पताल के एसएनसीयू यूनिट में भेजा गया। एसएनसीयू के डॉ रितेश पाटीदार के अनुसार बच्चें की हालत ठीक बताई जा रही है। वहीं राजगढ़ पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की है।
राजगढ़ थाना प्रभारी संजय रावत ने बताया ग्राम दत्तीगांव में घर के पीछे बाड़े में नवजात बालक मिला है। कोई अज्ञात माता-पिता नवजात को परित्याग कर असुरक्षित स्थान पर छोड़ कर चले गए। मामले में 2 अज्ञात लोगों पर प्रकरण दर्ज कर मामला जांच में लिया है। वहीं एसएनसीयू के डॉ. रितेश पाटीदार के अनुसार सरदारपुर सीएससी से गंभीर अवस्था में 8 से 10 दिन का नवजात रेफर होकर धार के एसएनसीयू धार में लाया गया है। किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा बच्चों को कूड़ेदान में रख दिया गया था। वहां से बच्चे को धार रेफर किया गया है। बच्चों की हालत गंभीर थी। सोमवार को उसकी हालत में सुधार आया है।