मां राजराजेश्वरी मंदिर प्रांगण में डोम निर्माण गुणवत्ताहीन होने पर ठेकेदार को आरइएस ने जारी किया नोटिस
शाजापुर, अग्निपथ। नगर के मध्य से निकले हाइवे के किनारे स्थित मां राजराजेश्वरी माता मंदिर प्रांगण में चल रहे डोम का निर्माण कार्य एक बार फिर अटक गया हैं। इस बार यहां ठेकेदार की गंभीर लापरवाही सामने आई है। ठेकेदार ने डोम के गटर बीम कम अपर बीम का निर्माण कम गुणवत्ता वाला करते हुए उसके निर्माण पर तराई नहीं की।
इसके चलते ग्रामीण यांत्रिकी सेवाएं (आरइएस) विभाग द्वारा ठेकेदार को 14 दिन में उक्त बीम को तोडकऱ नए बीम का निर्माण करने के लिए नोटिस जारी किया है। यदि इस दौरानो नए बीम का निर्माण नहीं किया गया तो संबंधित ठेकेदार का ठेका निरस्त कर बीम को तोडऩे का का खर्च ठेकेदार से वसूला जाएगा।
उल्लेखनीय है कि माता मंदिर प्रांगण में बारिश, गर्मी और सर्दी के मौसम में यहां आने वाले भक्तों को खुले आसमान के नीचे खड़ा रहना पड़ता है। इससे परेशानी भी होती है। ऐसे में यहां पर नलखेड़ा में मां बगुलामुखी मंदिर प्रांगण में लगाए गए डोम की तरह डोम का निर्माण 45 लाख रुपए की लागत से किया जाना तय किया गया। काम शुरू होने के बाद से ही इसमें लेतलाली नजर आती रही। पहले एक ठेकेदार ने छोड़ दिया। इस पर दूसरी बार टेंडर जारी किए। इसमें पेटी कांट्रेक्ट पर काम करने वाले ने लापरवाही की तो काम अटका और दूसरे से काम शुरू करवाया। दूसरे पेटी कांट्रेक्टर का भी भुगतान अटक गया तो उसने भी काम बंद कर दिया।
इसके बाद फिर काम शुरू हुआ तो शारदीय नवात्रि का पर्व प्रारंभ होने के पहले एहतियात के तौर पर काम को रोका गया। इसमें पता लगा कि संबंधित ठेकेदार ने डोम के निर्माण के लिए खड़े किए गए कॉलम के गटर बीम कम टॉप बीम का निर्माण गुणवत्तापूर्ण नहीं किया। साथ ही निर्माण करने के बाद इसकी तराई नहीं कराई। जिससे उक्त गटर बीम कम टॉप बीम में पर्याप्त मजबूती नहीं आई।
ऐसे में गुणवत्ताहीन कार्य होने पर आरइएस विभाग द्वारा ठेकेदार को नोटिस देकर बीम को तोडऩे और नया बीम निर्माण करने के लिए 14 दिन का समय दिया हैं। बताया गया कि इस दौरान यदि नए बीम का निर्माण नहीं किया गया तो संबंधित ठेकेदार का ठेका निरस्त करके बीम को तोडऩे का खर्च ठेकेदार से वसूल किया जाएगा।
उच्च गुणवत्ता का निर्माण आवश्यक
विशेषज्ञों की माने तो डोम के निर्माण के लिए 20-20 फीट के कॉलम खड़े करने के बाद इसके उपर लोहे के एंगल लगाए जाएंगे। इसके बाद सबसे उपर शेड के लिए जाल बनाया जाएगा। इस पर चद्दर लगाकर शेड तैयार किया जाएगा। बताया गया कि 100 बाय 100 वर्ग फीट के शेड की बीच में से ऊंचाई करीब 46 फीट रहेगी। ऐसे में यदि यहां पर निर्माण में जरा भी गुणवत्ता हल्की हुई तो गंभीर हादसा हो सकता हैं। ऐसे में डोम के निर्माण में उच्च गुणवत्ता का निर्माण आवश्यक हैं। जिससे भविष्य में किसी प्रकार की परेशानी नहीं आए।
नोटिस मिलने पर की जाने लगी लीपापोती
गुणवत्ताहीन कार्य करने एवं तराई नहीं करने के मामले में जब उक्त ठेकेदार को नोटिस दिया गया तो उसने बंद पड़े काम को शुरू करके गटर बीम कम टॉप बीम को सीमेंट लगाकर लिपापोती करने का कार्य किया। हालांकि एक दिन काम करके फिर काम को रोक दिया गया। इधर विभाग के अनुसार यदि बीम को नहीं तोड़ा गया तो ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करके ठेका निरस्त किया जाएगा।
…तो ठेका निरस्त कर नया टेंडर होगा जारी
जानकारी के अनुसार डोम का निर्माण एक वर्ष 2022 चैत्र नवरात्रि के पूर्व होना था, लेकिन लेतलाली के चलते ये काम अभी तक भी अधूरा पड़ा हुआ हैं। ऐसे में अब जबकि ठेकेदार द्वारा लापरवाही बरती गई और गुणवत्ताहीन कार्य किया गया तो नियमानुसार निर्माण एजेंसी आरइएस द्वारा समयसीमा निकलने के बाद संबंधित का ठेका निरस्त किया जाएगा। यदि ठेका निरस्त हुआ तो फिर नए सीरे से टेंडर होगा। ऐसे में डोम का निर्माण कब तक पूरा होगा ये कुछ भी नहीं कहा जा सकता।
डोम निर्माण करने वाले ठेकेदार को नलखेड़ा के मां बगुलामुखी मंदिर की तरह निर्माण करने को कहा था, लेकिन ठेकेदार ने मनमर्जी से बीम-कॉलम की साइज कम कर दी। वहीं गटर बीम कम अपर बीम का निर्माण गुणवत्ताहीन किया और इसके बाद भी उसकी तराई भी नहीं की। इस मामले में गंभीर लापरवाही बरतरने पर उसे अंतिम सूचना पत्र जारी किया जाकर 14 दिन में रिजेक्ट किए गए बीम को तोडकऱ दोबारा निर्माण के लिए कहा गया हैं। यदि दोबारा निर्माण नहीं किया गया तो ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करके ठेका निरस्त किया जाएगा। साथ ही बीम डिस्मेंटल की राशि उससे वसूली जाकर निर्माण के लिए नया टेंडर जारी किया जाएगा।
-मुरलीधर अहिरवार, ईई, आरइएस-शाजापुर