प्रमुख सचिव मनीष सिंह के खिलाफ जमानती वारंट जारी हुआ तो अपर आयुक्त नागर को कारण बताओ नोटिस जारी

नगर निगम

नगर निगम अपर आयुक्त मंडलोई को चुनाव की बैठक में उपस्थित नहीं होने पर कारण नोटिस मिला

उज्जैन, अग्निपथ। नगर निगम के दो अपर आयुक्तों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। दोनों पर ही लापरवाही का आरोप लगा है। अपर आयुक्त आदित्य नागर को कोर्ट केस में लापरवाही बरतने पर संचनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास मप्र शासन से नोटिस जारी किया गया है। नागर की लापरवाही के चलते प्रमुख सचिव के खिलाफ जमानती वारंट जारी हो गया है।

वहीं अपर आयुक्त आरएस मंडलोई को चुनाव की बैठक उपस्थित नहीं होने पर उज्जैन कलेक्टर ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। दोनों को समय सीमा में जबाव देना है।

नगर प्रशासन एवं विकास मप्र भोपाल के आयुक्त भरत यादव ने उज्जैन नगर निगम के अपर आयुक्त वित्त आदित्य नागर को नगर पालिका नियम 2000 तथा मप्र सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 4,5,13 तथा 14 के प्रावधानों के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसमें सात बिंदुओं के आधार पर उनका स्पष्टीकरण व्यक्तिगत रूप से पेश होकर बताने के निर्देश दिए गए है।

आदेश में साफ तौर पर कहा गया है कि अगर समय सीमा में व्यक्तिगत तौर से पेश होकर जबाव नहीं दिया गया तो माना जाएगा कि आपको इन आरोपों के संबंध में कुछ नहीं बोलना है और एक तरफा कार्रवाई कर दी जाएगी। नागर की लापरवाही के चलते प्रमुख सचिव के खिलाफ जमानती वारंट जारी हो गया है।

इस मामले में नागर को मिला नोटिस

कोर्ट में पदोन्नति के मामले में हरीश श्रीवास्तव बनाम मनीष सिंह मुख्य सचिव नगरीय प्रशासन का अवमानना प्रकरण चल रहा है। इस प्रकरण में आदिय नागर को संपर्क अधिकारी के तौर पर जबाव दावा पेश करना था और प्रतिरक्षण करना था। परन्तु उन्होंने न तो जबाव दावा पेश किया और न ही प्रतिरक्षण किया। इसके अलावा नागर जब स्थापना शाखा का काम देख रहे थे तब इंदौर हाईकोर्ट ने 26 फरवरी 2022 को एक आदेश दिया था।

हरीश श्रीवास्तव की याचिका के इस मामले में कोर्ट के आदेश की पालना करना थी, परन्तु इस मामले में भी नागर ने लापरवाही बरतते हुए न तो शासन को जानकारी दी और न ही कोर्ट के आदेश की पालना की। इसकी वजह से आयुक्त नगर निगम और प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन को कोर्ट से नोटिस जारी हो गया। नगरीय विकास विभाग ने मार्गदर्शन देकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे। परन्तु न तो आपने अपने वरिष्ठ अफसरों को इसके संबंध में जानकारी दी और नही कोर्ट में जबाव दिया। न ही पदोन्नति के लिए नवीन कमेटी का गठन किया। इस मामले में कोर्ट ने अवमानना का केस मानते हुए प्रमुख सचिव मनीष सिंह के खिलाफ जमानती वारंट जारी कर दिया है।

इस गड़बड़ी पर मिला मंडलोई को नोटिस

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी कुमार पुरुषोत्तम ने नगर पालिक निगम के अपर आयुक्त आरएस मण्डलोई को काउंटिंग मैनेजमेंट का नोडल अधिकारी बनाया है। उन्हें मतगणना से संबंधित कार्यों को स पादित किये जाने का दायित्व सौंपा गया है। मतगणना की तैयारियों के संबंध में बुधवार 29 नव बर की शाम को एक महत्वपूर्ण बैठक की सूचना दी थी। इसके उपरांत भी मण्डलोई बैठक में अनुपस्थित रहे और उनके द्वारा मतगणना की तैयारियों के संबंध में सौंपे गये कार्य एवं दायित्वों का निर्वहन समय-सीमा में नहीं किया गया।

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी कुमार पुरुषोत्तम ने लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम एवं मप्र सिविल सेवा आचरण नियम का उल्लंघन होकर निर्देशों की अवहेलना, कर्तव्य के प्रति लापरवाही, अनुशासनहीनता एवं गंभीर कदाचरण की श्रेणी में आने के कारण मण्डलोई को कारण बताओ सूचना-पत्र जारी कर स्पष्टीकरण तत्काल कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष में उपस्थित होकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं।

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