20 साल की सजा होते ही दुष्कर्मी बेहोश, दो दोस्त भी नपे

बाल दोस्त की मदद से ज्यादती की थी किशोरी से

उज्जैन,अग्निपथ। नीलगंगा क्षेत्र में करीब साढ़े तीन साल पहले किशोरी से हुए ज्यादती के केस में गुरुवार को कोर्ट ने फैसला सुनाया। प्रकरण में दुष्कर्मी 20 साल सजा होते ही बेहोश हो गया। न्यायालय ने वारदात में सहयोगी दो युवकों को भी दुष्कर्मी के बराबर सजा व अर्थदंड दिया है।

उपसंचालक अभियोजन डॉ. साकेत व्यास ने बताया कि नीलगंगा क्षेत्र निवासी किशोरी का 31 अगस्त 2017 को जन्मदिन था। उसी दिन दोपहर में क्षेत्र का ही बालक अपने दोस्त देवेन्द्र पिता नरेन्द्र सिंह (23) लोकेन्द्र सिंह पिता भैरूसिंह (27) देवास व चीकू उर्फ प्रतीक पिता राजेश (22) के साथ उसे पार्टी देने के बहाने होटल ले गया और जबरन बियर पिला दी। बाद में चारों ने उसे धोखे से कॉलोनी में ले जाकर एक कमरे में बंद कर दिया। यहां देवेंद्र ने तीनों के सहयोग से उसके साथ दुष्कर्म कर दिया।

वारदात के बाद आरोपी जान से मारने की धमकी देकर देर रात घर छोड़ गए। पीडि़ता ने परिजनों को घटना बताने के बाद 31 अगस्त को चारों के खिलाफ केस दर्ज कराया। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया था।

मामले में अब तक सुनवाई के बाद षष्ठम अपर सत्र व विशेेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) डॉ. आरती शुक्ला पाण्डेय ने फैसला सुनाया। उन्होंने चारों को 20 वर्ष कठोर कारावास के साथ 9500 रुपए अर्थदंड दिया। अन्य धाराओं में भी अतिरिक्त सजा सुना दी। 20 साल की सजा सुनते ही दोषी देवेंद्र कोर्ट में ही बेहोश हो गया,बावजूद कोर्ट ने फैसला बरकरार रखा।

पीडि़ता को अर्थदंड की राशि

20 साल सजा होते ही दोषियों की ओर से प्रथम अपराध व उनकी उम्र को लेकर सजा कम करने की अपील की, लेकिन प्रकरण में शासन का पक्ष रख रहे विशेष लोक अभियोजक सूरज बछेरिया ने कठोर दंड का निवेदन किया। नतीजतन कोर्ट ने दोषियों की अपील नकारते हुए उनसे वसूले जाने वाले अर्थदंड को पीडि़ता को देने के आदेश दिए।

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