अमृत यात्रा अयोध्या 5 दिसंबर को उज्जैन पहुंचेगी

उज्जैन, अग्निपथ। बीकानेर से प्रारंभ होकर हरिद्वार, गाजियाबाद, मथुरा, भोपाल होते हुए अमृत यात्रा का आगमन उज्जैन महानगर में 5 दिसंबर को दोपहर 3 बजे हो रहा है। आज यात्रा मुख्यमंत्री निवास भोपाल में प्रवास करेगी जहां मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस रथ की अगवानी और पूजा अर्चना करेंगे। प्रात: भोपाल से प्रस्थान कर यात्रा उज्जैन में रात्रि विश्राम कर दूसरे दिन इंदौर के लिए प्रस्थान करेगी और आगे द्वारकाधीश तक की यात्रा पूर्ण करेंगी।

भारतीय सनातन धर्म और सनातन संस्कृति के पुरोधा पद्मभूषण परम पूज्य जगतगुरु रामभद्राचार्य जी महाराज का पावन सानिध्य उज्जैन की जनता को भी प्राप्त होता रहा है। विगत वर्ष उनका शुभ आगमन अखिल भारतीय कालिदास समारोह के उद्घाटन में हुआ था तब समाजसेवी महेश पिरयानी के नवनिर्मित आवास में उनका निवास हुआ था। महेश परियानी पर गुरुदेव का वात्सल्य पूर्ण प्रेम और आशीर्वाद हमेशा से बना हुआ है। उनकी इस यात्रा की मुख्य जिम्मेदारी महेश पिरयानी ने अपने हाथों में ली है।

चरण सेवक गौरव बैंडवाल ने बताया कि उक्त धर्म यात्रा का भव्य और दिव्य स्वागत करने के लिए स्वागत समिति का गठन किया गया है। जिसमें डॉ मोहन यादव, अनिल जैन कालूखेड़ा, सांसद अनिल फिरोजिया, मुकेश टटवाल, सतीश मालवीय विधायक घटिया विधानसभा, डॉ चिंतामणि मालवीय विधायक आलोट विधानसभा, विभाष उपाध्याय, कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडे, प्रोफेसर विजय कुमार सीजी कुलपति महर्षि पाणिनि संस्कृत विश्वविद्यालय, आनंद बांगड़ रथ की अगवानी करेंगे। उज्जैन महानगर के सभी समाजों के प्रतिनिधि इस अवसर पर उपस्थित रहकर अमृत यात्रा में पधारे साधु संतों का स्वागत और सम्मान करेंगे।

प्रथम स्वागत पाइप फैक्ट्री चौराहा नागझिरी में किया जाएगा। उसके बाद यह शोभायात्रा टावर चौक में पहुंचेगी जहां एक विशाल जन समूह अमृत कलश यात्रा का स्वागत करेगा और उसके बाद यह यात्रा तीन बत्ती चौराहे होते हुए इंदौर रोड की ओर प्रस्थान करेगी जहां वे रात्रि में विश्राम करेगी और प्रात: इंदौर के लिए प्रस्थान कर जाएगी। उक्त अमृत यात्रा के स्वागत सम्मान के लिए सभी उज्जैन के निवासियों से अनुरोध किया है कि कृपया अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाएं। कार्यक्रम का समन्वयन प्रोफेसर तुलसीदास परोहा पाणिनि संस्कृत विश्वविद्यालय कर रहे हैं।

विश्व के प्रख्यात संत भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण सम्मान से सम्मानित जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज चित्रकूट के 75 वें जन्म महोत्सव 14 जनवरी 2024 को अत्यंत हर्ष और उल्लास से मनाए जाने का निर्णय भारत की करोड़ों धन-प्राण जनता ने लिया है। श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुकदमे में स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज का बहुत बड़ा योगदान है। उनके शास्त्र सम्मत अकाट्य तर्कों और प्रमाणों के बल पर ही श्री राम जन्मभूमि का फैसला मंदिर के पक्ष में हुआ और अब श्री राम जन्मभूमि मंदिर बनकर तैयार हुआ है।

हनुमत महायज्ञ 13 जनवरी से

यह एक संयोग है कि श्री राम जन्मभूमि की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को प्रधानमंत्री के कर कमल से होने जा रही है और उसके पूर्व 14 जनवरी को पूज्य स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इस ऐतिहासिक अवसर पर 13 जनवरी से 20 जनवरी तक 1008 कुंडीय श्री हनुमत महायज्ञ श्री अयोध्या में जगतगुरु रामभद्राचार्य जी महाराज की पावन सानिध्य में आयोजित हो रहा है। यह अमृत यात्रा पूरे देश का भ्रमण करते हुए 14 जनवरी को श्री अयोध्या पहुंचेगी। संपूर्ण देश में भ्रमण करने वाली यह अमृत महोत्सव यात्रा तीन स्थानों से प्रारंभ हुई है। पहली यात्रा बीकानेर से प्रारंभ होकर द्वारकाधीश तक जाएगी। दूसरी राजकोट से प्रारंभ कर रामेश्वरम तक जाएगी और तीसरी बेलूर से प्रारंभ होकर अयोध्या तक पहुंचेगी। इस प्रकार संपूर्ण देश का भ्रमण कर भारतीय सनातन धर्म और संस्कृति से समाज को जागृत करने का काम करेगी।

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