भैरव अष्टमी पर कालभैरव में उत्सव

भक्तों की भीड़ के बीच मध्य रात्रि में आतिशबाजी के बीच आरती

उज्जैन, अग्निपथ। भैरव अष्टमी पर्व पर मंगलवार को भैरवगढ़ स्थित प्रसिद्ध कालभैरव मंदिर में दो दिनी भैरव जन्मोत्सव का शुभारंभ हुआ। भैरव अष्टमी के उपलक्ष्य में बाबा भैरव नाथ का मध्य रात्रि में जन्मोत्सव मनाया जाएगा। दोपहर बाद पूजन-अभिषेक होगा भगवान भैरव को नए वस्त्र धारण कराकर सिंधिया राजघराने की पगड़ी पहनाई जाएगी। रात्रि में महाभोग भी अर्पित होगा। बुधवार को बाबा भैरवनाथ की सवारी मंदिर प्रांगण से निकलेगी। मंगलवार को सुबह से ही भक्तों की कतार दर्शन के लिए लगी रही।

कालभैरव मंदिर के पुजारी ऐश्वर्यदत्त चतुर्वेदी ने बताया कि मंगलवार को अगहन माह की अष्टमी तिथि का प्रारंभ दोपहर में हुआ है। इसलिए मंगलवार मध्य रात में जन्म के बाद भगवान का अभिषेक-पूजन किया जाएगा। इसके पश्चात बाबा का शृंगार कर नए वस्त्र धारण कराए जाएंगे। वहीं सिंधिया राजघराने से भगवान भैरव नाथ के लिए लाल रंग की आकर्षक पगड़ी धारण कराई जाएगी।

रात्रि में पकवानों का भोग लगाकर रात 12 बजे जन्म आरती होगी। आतिशबाजी कर भगवान का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। अष्टमी तिथि पर कालभैरव मंदिर में फूलों व रंगीन विद्युत रोशनी से आकर्षक सजावट की गई। सुबह से ही देशभर से आने वाले भक्तों का तांता दर्शन के लिए हो गया था। दो दिनी जन्मोत्सव पर मंदिर में धार्मिक आयोजन के बाद बुधवार को कालभैरव नाथ की सवारी निकलेगी।

आज निकलेगी सवारी भैरवगढ़ का भ्रमण करेगी

दो दिन जन्मोत्सव के तहत बुधवार को शाम 4 बजे परंपरा अनुसार भगवान कालभैरव की मंदिर से सवारी निकलेगी। सवारी में पालकी का पूजन करने के लिए कलेक्टर व प्रशासन के अन्य अधिकारीगण पहुंचेंगे। सवारी में सशस्त्र जवान, बैंड, ढोल, ताशे, ध्वज, बग्घी व भक्तगण शामिल रहेंगे। पालकी में भैरवनाथ भक्तों को दर्शन देते निकलेंगे।

केंद्रीय भैरवगढ़ जेल के बाहर जेल अधीक्षक द्वारा पालकी का पूजन किया जाएगा। यहां से सवारी भैरवगढ़ क्षेत्र का भ्रमण करते हुए सिद्धवट मंदिर पहुंचेंगी। यहां आरती-पूजन किया जाएगा। इसके पश्चात सवारी पुन: भ्रमण करते हुए रात्रि में कालभैरव मंदिर जाएगी व आरती-पूजन एवं प्रसादी वितरण के साथ दो दिनी भैरव जन्मोत्सव का समापन होगा।

श्री बटुक भैरव को लगाया 56 भोग

चक्रतीर्थ स्थित श्री बटुक भैरव पर धूमधाम से कालभैरव अष्टमी मनाई गई। यहां भगवान को 56 भोग लगाकर भंडारे का आयोजन किया गया। मंदिर के पुजारी वरुण तिवारी ने सुबह 8 बजे भैरव जी का सुगंधीत द्रव्य और विभिन्न फलों के रस से अभिषेक पूजन किया। उसके उपरांत दोपहर 12 बजे बाबा बटुक भैरव का चोला एवं स्वर्ण से श्रृंगार हुआ। शाम 6 बजे बाबा को 56 भोग लगा कर अन्नकूट का आयोजन कर भंडारे के रूप में महाप्रसादी वितरण किया गया।

भैरव अष्टमी पर रूद्र भैरव को लगाए छप्पन भोग

भैरव अष्टमी के पावन पर्व पर महाकालेश्वर मंदिर में कोटितीर्थ के समीप रुद्र भैरव पर 56 भोग लगाये गये। यहां महेश पुजारी द्वारा श्री रूद्र भैरव भगवान की महाआरती की गई। प्रशासन की ओर से सहायक प्रशासक आरपी गहलोत के साथ ही पुजारी परिवार के पंडित सुरेंद्र, पंडित विशाल चौबे, पंडित प्रयाग चौबे, पंडित राधेश्याम शास्त्री, पंडित नीतीश व्यास, रामघाट स्थित धर्मराज मंदिर के पुजारी राकेश जोशी, पंडित ओम गुरु, संजय पुजारी, पंडित दिनेश पुजारी, मौनी बाबा डमरू वाला, कमल सूर्यवंशी, अजय खंडेलवाल, अंतू यादव, गोपाल ठाकुर, राम पुजारी, गोपाल व्यास, नीलू चौबे, मंजू कुमरावत, शोभा चौबे, रूपाली जैन, ममता शर्मा, प्रीति शर्मा, सुमनसा, दीपिका रायकवार, संध्या निर्भय आदि के द्वारा भजन संध्या का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर विनोद लाला, अजय सिंह कुशवाह, संजय गोयल, निर्दोष निर्भय, प्रणव गर्ग, पंकज जैन, राहुल वीपट, हरीश राठौर, आशीष खटके, विशाल राजपूत, नरेश चौहान, संदीप चौहान एवं पुजारी परिवार मौजूद रहा।

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