संस्था बनी राजनीति का अखाड़ा, आरोप-प्रत्यारोप के बीच शुरू हुई जांच
उज्जैन, अग्निपथ। शहर की एक संस्था में बीते तीन साल में चुनाव नहीं हुए और पूर्व अध्यक्ष के अनुचित व्यवहार के कारण यहां सहकारिता विभाग के निरीक्षक को प्रशासक नियुक्त कर दिया गया है। अब इन प्रशासक की मनमानी के कारण रहवासी परेशान हो गए हैं। मामला हरिफाटक रोड स्थित शिवांश हाईराइज बिल्डिंग का है।
यहां के प्रशासक पर रहवासियों ने पूर्व अध्यक्ष के साथ मिलीभगत के आरोप लगाए हैं। दरअसल इंदौर रोड फोरलेन स्थित बहुमंजिला शिवांश एलिगेंस रहवासी सहकारिता संस्था का ये पूरा मामला है। यहां 144 रहवासियों में से महज़ 60 ही इस संस्था के क़ाबिल सदस्य माने गए और रहवासियों की माने तो ये गणित पूर्व के स्वयं-भू अध्यक्ष मेघराज आतवानी का था।
बाकी के सदस्य पिछले पाँच साल से सदस्यता के लिए संघर्षरत हैं। इसी बीच पूर्व अध्यक्ष को तमाम शिकायतों के कारण पद से हटा दिया गया था। बाद में सहकारिता ने एक निरीक्षक को यहां का प्रशासक बना दिया। रहवासियों का कहना है कि प्रशासक रहवासियों की नहीं सुनते हुए परेशानी खड़ी कर रहे हैं। यहाँ अवैध रूप से नियुक्त सुपरवाईजर विजय परमार भी मनमानी कर रहे हैं। मेंटेनेंस के नाम पर लाखों रुपए जमा करवा करने के बाद भी रहवासी परेशान हैं।
नियमानुसार हर वर्ष कर्मचारियों की नियुक्तियों की निविदाएं आमंत्रित की जानी चाहिए। उसका पालन आज तक नहीं किया है और बिल्डर के कर्मचारियों को ही आपसी मिलीभगत से कार्य पर नियुक्त कर दिया गया है। यहां बरसों से पदस्थ कर्मचारियों की कामचोरी की कारगुजारियों पर रहवासियों ने आपत्ति ली तो गार्ड, सफाई कर्मचारी, माली, प्लम्बर और इलेक्ट्रिशियन आदि ने लिखित में प्रशासक को स्वत: कार्यमुक्ति का इस्तीफ़ा सौंप दिया।
इसके बाद व्यवस्था बनाए रखने के लिए रहवासियों ने दूसरी नियुक्तियां कर लीं तो सुपरवाइजर ने विवाद करना शुरू कर दिया। इसकी शिक़ायत रहवासियो ने प्रशासक और उप पंजीयक के. पाटनकर को की है। ये सुपरवाईजर पहले भी व्यवस्था बिगाडऩे की धमकी दे चुके थे।
जांच की आँच से निकलेगी सच्चाई
संस्था में प्रशासक के रूप में काबिज़ रतनलाल परमार और पूर्व अध्यक्ष की पकी खिचड़ी की जाँच के लिए उप पंजीयक के. पाटनकर ने असिस्टेंट रजिस्ट्रार संजय कौशल को पूरी जाँच का जिम्मा सौंपा है। अब संजय कौशल मामले की जाँच की आँच से सच्चाई ढूंढ कर बेपर्दा करेंगे। बकौल उप पंजीयक के. पाटनकर के अनुसार जाँच प्रतिवेदन आते ही हम सबको ठीक कर देंगे और संस्था के लंबित सदस्यों को सदस्यता के साथ ही चुनाव भी करवाएंगे