उज्जैन,अग्निपथ। विशेष न्यायालय ने शनिवार को लोकायुक्त के एक प्रकरण में फैसला सुनाया। कोर्ट ने मामले में करीब साढ़े चार साल पहले 20 हजार रुपए की घूस लेते हुए पकड़ाए महिदपुर के पंचायत सचिव को चार साल कैद व 20 हजार रुपए अर्थदंड दिया है।
महिदपुर तहसील स्थित ग्राम नलखेड़ा में राजेशनाथ की मॉ उषाबाई का मकान है। वर्ष 2016 में पंचायत सचिव भंवरलाल मकवाना उन्हें लगातार नोटिस दे रहा था। परेशान होकर राजेश सचिव मकवाना से मिला तो उसने मकान स्थाई करने के लिए 25 हजार रुपए मांगे। राजेश ने तात्कालीन लोकायुक्त एसपी को शिकायत कर दी। बाद में उसने मकवाना से 20 हजार रुपए में सौदा कर घूस मांगने के वाइस रिकार्डिंग एसपी को सौंप दी। निरीक्षक कमल निगवाल ने ट्रेप करना तय किया।
योजनानुसार 3 जुलाई 2016 राजेश सचिव मकवाना को रुपए देने झारड़ा थाने के पास मैदान में पहुंचा। यहां रिश्वत लेते ही मकवाना ने लोकायुक्त टीम देख रुपए फेंक दिए। बावजूद हाथ रंगे जाने पर टीम ने उसे गिरफ्त में ले लिया।
चालान के दो साल बाद फैसला-
मामले में सुक्ष्मता से जांच के बाद लोकायुक्त ने मकवाना के खिलाफ 23 मार्च 2018 को चालान पेश किया था। मामले में अब तक की सुनवाई के बाद विशेष न्यायाधीश पंकज चतुर्वेदी ने फैसला सुनाया। उन्होंने मकवाना को दोषी साबित होने पर चार साल कठोर कारावास व 20 हजार रुपये अर्थदण्ड देकर जेल भेज दिया। प्रकरण में लोकायुक्त की ओर से विशेष लोक अभियोजक डीपीओ मनोज कुमार पाठक ने पैरवी की। प्रधान आरक्षक जागन सिंह ने विशेष सहयोग किया।