अर्जुन सिंह चंदेल
उज्जैनवासियों के लिये 16 दिसंबर 2023 बहुत सौभाग्यशाली दिन है। 51 वर्षों के लंबे वनवास के बाद शहर का जनप्रतिनिधि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद को सुशोभित कर रहा है। भले ही मुख्यमंत्री मोहन यादव जी शपथ ग्रहण के बाद बाबा महाकाल के चरणों में शीष झुकाने अल्प समय के उज्जैन आ चुके हैं परंतु अपने मतदाताओं और नगरवासियों से मुलाकात करने मुख्यमंत्री बनने के बाद आज आ रहे हैं।
वैसे भी हमारा मालवा और विशेषकर उज्जैन-इंदौर का क्षेत्र स्वागत के मामले में पूरे भारत में अग्रणी है। अपने लाडऩे नेता को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजने की खुशी में पूरा शहर आनंदित, उल्लासित, हर्षित, पुलकित है।
नगरवासियों का रोम-रोम उत्साह से रोमांचित है। यदि आज उज्जैन किसी नेता के स्वागत का रिकार्ड भी बना दे तो कोई बहुत आश्चर्य की बात नहीं होगी। स्वागत के लिये दीवानगी की सारी सीमाएं टूट चुकी हैं। बानगी देखिये, पूरे शहर में कहीं पर भी फूल उपलब्ध नहीं है यहाँ के फूल विक्रेता दूसरे शहर के व्यापारियों को फूलों का आर्डर दे रहे हैं। जितनी माँग है उसकी पूर्ति संभव नहीं दिखायी दे रही है।
पहली बार इस उज्जैन में टेन्ट व्यवसायियों ने स्वागत मंच बनाने के लिये घुटने टेक दिये हैं। टेन्ट वालों के पास ना तो तखत बचे हैं, ना ही स्टेज सामान। लोग स्वागत मंच बनवाने के लिये भटक रहे हैं। पूरी उज्जयिनी में स्वागत के लिये ऐसा माहौल है जैसा शायद त्रेत्रा युग में प्रभु श्री राम के रावण वध उपरांत 14 वर्षों के वनवास बाद अयोध्या में हुआ होगा।
मोहन जी! बाबा महाकाल ने आप और इस नगरी पर कृपा तो बरसा दी है परंतु अब आपको भी मोहन से (मन+मोहन) बनना होगा। पुराने मोहन का चोला बदलकर एक नया मोहन बनना होगा जो प्रदेश की जनता जनार्दन के दुख-दर्द दूर करने के लिये अपना सर्वश्रेष्ठ देना होगा।
आपसे और आपकी पार्टी से प्रदेशवासियों को बहुत उम्मीदें हैं, 8 करोड़ प्रदेशवासियों की कसौटी पर खरा उतरना होगा। बहुत सारी चुनौतियां भी आपके समक्ष मुँह बाये खड़ी है। उन सबसे निपटने की क्षमता आपको देने के लिये पूरा शहर परमपिता परमेश्वर से दुआ करता है कि आप अपने सामथ्र्य से इन बाधाओं को पार करेंगे। शिवराज जी के शब्दों के अनुरुप कि ‘जनता मेरी भगवान मैं पुजारी’ को सच्चे अर्थों में साबित करना होगा।
हाँ, एक तकलीफ वाली बात यह रही कि आपको मिली ‘जेड सुरक्षा’ 16 दिसंबर के बाद मिलनी थी ताकि आज अपने ‘मोहन’ के स्वागत हेतु उमडऩे वाली जनमैदिनी कम से कम अपने लाड़ले का दीदार तो ठीक से कर लेती पर शायद उसे निराश होना पड़ेगा, क्योंकि सुरक्षा घेरे के कारण सामीप्य प्राप्त नहीं हो पायेगा।
खैर, पूरा शहर आपके स्वागत के लिये आतुर है। दैनिक अग्निपथ एवं चंदेल परिवार भी शब्दों के माध्यम से एक जनप्रिय मुख्यमंत्री के रूप में आपका स्वागत, वंदन, अभिनंदन और इस्तकबाल करता है।