लोग स्वागत को ऐसे उमड़े की पांच मीटर की दूरी तय करने में लगा एक घंटा
उज्जैन, अग्निपथ। 51 साल बाद उज्जैन का बेटा सीएम बना तो पूरा शहर स्वागत के लिए उमड़ पड़ा। उत्साह और उमंग की उठती शहरवासियों के दिलों की हिलौरों का आलम यह था कि करीब पांच सौ मीटर की दूरी को ही पार करने में सीएम मोहन यादव के रथ को एक घंटे से ज्यादा समय लग गया। हर कोई शहर के लोगों को गौरव बढ़ाने वाले सीएम के स्वागत के लिए आतुर था। शाम पांच बजे शुरू हुई रथ यात्रा देर रात छत्रीचौक पर पहुंच पाई थी।
उज्जैन शहर में मुख्यमंत्री मोहन यादव का स्वागत करने के लिए रैली निकाली गई थी। करीब पांच बजे के बाद दशहरा मैदान से रैली शुरू हुई। इसमें रथ पर सवार मुख्यमंत्री मोहन यादव, सांसद अनिल फिरोजिया और विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, चिंतामण मालवीय, सतीश मालवीय, जितेंद्र पंडया समेत अन्य लोग सवार थे। दशहरा मैदान से छत्रीचौक की दूसरी रूट के हिसाब से सात किलोमीटर आंकी गई है।
दशहरा मैदान से मोहन यादव के मकान तक आने में रैली को एक घंटे का समय लग गया था। उनके मकान से कंट्रोल रूम की दूरी महज दो सौ मीटर भी नहीं होगी। परन्तु इसे तय करने में भी रैली को आधा से पौन घंटा लग गया था, क्योंकि उज्जैन के लोगों को उत्साह ही ऐसा हिलौरे मार रहा था। हर व्यक्ति मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनने से उत्साहित और प्रफूल्लित था। हर संस्था और समाज के लोगों द्वारा मंच बनाकर स्वागत किया जा रहा था।
यूडीए के मंच पर आदिवासी नृत्य मंडली ने रंग जमाया
उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्याम बंसल के निर्देश पर मु यमंत्री मोहन यादव के लिए शहीद पार्क पर मंच बनाया गया था। इस मंच पर आदिवासी नृत्य मंडली को बुलाया गया था। इसने मंच से शाम चार बजे नृत्य करना शुरू किया तो हर किसी को कदम थिरक उठे थे। आसपास के मंचों पर बैठे लोग भी केसरिया रंग के कपड़ों पर परंपरागत आदिवासी नृत्य से अभिभूत हो गए थे। मंच पर यूडीए की पूरी टीम अध्यक्ष श्याम बंसल के नेतृत्व में मौजूद थी।
किसी ने आइसक्रीम बांटी तो किसी ने आलूबड़ा
मुख्यमंत्री मोहन यादव के स्वागत के लिए निकाली गई रैली में शामिल लोगों के स्वागत समारोह में चल रहे लोगों के अनेक मंचों से स्वल्पहार की व्यवस्था की गई थी। कंट्रोल रूम पर उदय चंदेल मित्र मंडली ने आलूबड़े का स्वल्पहार की व्यवस्था की थी। फ्रीगंज ब्रिज के पास भी एक संस्था की तरफ से मु यमंत्री मोहन यादव और स्वागत समारोह में शामिल लोगों के लिए लड्डू की व्यवस्था की गई थी।
हीं भाजयुमो नेता अमय आप्टे के नेतृत्व में पुलिस कंट्रोल रूम के सामने स्वागत मंच बनाया गया था। इस मंच से मु यमंत्री मोहन यादव का स्वागत रैली पहुंची तो रंग-बिरंगी आतिशबाजी की रौशनी की गई। इससे पूरा इलाका चमकीली रौशनी से जगमगा गया था।
मु यमंत्री मोहन यादव के स्वागत से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलते ही उनके समर्थकों ने आप्टे को कंधों पर उठा लिया था और स्वागत रथ तक साफा लेकर पहुंचाया। जैसे ही सीएम मोहन यादव ने साफा लिया तो उनके समर्थकों को जोश दोगुना हो गया और उत्साह से उन्होंने भाजपा के समर्थन में नारेबाजी करना शुरू कर दिया था। कंट्रोल रूम के आसपास का इलाका नारों से गूंजा उठा था।
नारायण यादव सबका आभार मानते चल रहे थे
मुख्यमंत्री मोहन यादव की स्वागत रैली के आगे उनके भाई नारायण यादव चल रहे थे। वे हर मंच पर पैदल जाकर लोगों को स्वागत के लिए आभार मान रहे थे। वहीं लोग भी उनका स्वागत करके उत्साह से नारेबाजी कर रहे थे। उनके पीछे मु यमंत्री के बेटे अपने समर्थकों के साथ चल रहे थे। उनका भी स्वागत हर मंच और चौराहे पर लोगों ने किया।
डीजे की धुन से इलाका और फूलों से सडक़ें पट गई
मुख्यमंत्री मोहन यादव के स्वागत के लिए डीजे गाडिय़ों की लाइन लगी हुई थी। इन पर उज्जैन के बेटे मोहन यादव को मु यमंत्री बनाने के स्लोगन और नारेबाजी की जा रही थी, इससे पूरा इलाका गुंजायमान हो गया था। वहीं दूसरी तरफ हर मंच पर फूलों और हारों से मु यमंत्री मोहन यादव का स्वागत किया जा रहा है।
टावर पर पहली बार ऐसा नजारा की पैर रखने की जगह नहीं
उज्जैन में संभवत: पहली बार लोग स्वेच्छा से इतनी संख्या में पहुंचे कि चारों तरफ शाम सात बजे पैर रखने की जगह नहीं थी। चारों तरफ माइक और संगीत की धुन पर रंग-बिंरगी लाइटें जगमगा रही थी। हर मंच से मुख्यमंत्री के स्वागत के नारे और देशभक्ति के तराने बज रहे थे। शहीद पार्क से टावर और टावर से तीन बत्ती चौराहे तक मंच ही मंच बने थे। इसी तरह से फ्रीगंज ब्रिज से चामुंडा मंदिर और देवास गेट बस स्टैंड तक मंचों की कतार ऐसी लगी थी कि पूरा शहर ही स्वागत के लिए उमड़ा पड़ा हो। टावर पर राजेश कुशवाह और बबलू यादव के नेतृत्व में मुख्यमंत्रीमोहन यादव का स्वागत किया गया।
दौलत गंज, कंठाल और छत्री चौक तक मंचों की बाढ़ आई
मुख्यमंत्री मोहन यादव के स्वागत के लिए दौलतगंज, फव्वारा चौक, नई सडक़ कंठाल, सतीगेट से छत्रीचौक तक मंचों की ऐसी कतार लंबे समय बाद शहर के लोगों ने देखी है। इलाके के लोगों ने किसी न किसी संस्था के बैनर तले स्वागत किया है।