इंदौर के युवक को ट्रेनिंग बताकर एक महीने ट्रेन में भी घुमाया, ऐसे सामने आया सच
इंदौर, अग्निपथ। सरकारी नौकरी लगवाने के सपने दिखाकर 22 साल के युवक को एक युवती ने 16 लाख रुपए ठग लिए। फर्जी अपॉइंटमेंट लेटर, आईडी कार्ड तक दे दिया। इतना ही नहीं, 2 महीने की रेलवे ट्रेनिंग भी ट्रेन में घुमाकर करा दी। जब शक हुआ तो उसने सैलरी का पूछा। ठीक जवाब नहीं मिला तो अपने रुपए वापस मांगे।
युवती ने डराया और कहा कि उसके साथी को गुजरात पुलिस ने गिरफ्तार किया है, वह जेल में है। आने पर ही पैसे लौटाएगी लेकिन बाद में भी टालती रही। आखिरकार युवक की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी सुमन पिता राघव प्रसाद कुशवाहा निवासी भोपाल हालमुकाम कनाडिया इंदौर को गिरफ्तार कर लिया है।
इंदौर की बेटमा थाना पुलिस के अनुसार अनिल पिता प्रेम सिंह परमार (उम्र 22 साल) को नौकरी दिलाने के नाम पर 16 लाख रुपए की ठगी की। आरोपी महिला सुमन पिता राघव प्रसाद कुशवाहा 34 साल निवासी आलोक नगर कनाडिया रोड इंदौर और उसका साथी अभिजीत साहू निवासी इंदौर हैं।
फरियादी अनिल की आरोपी सुमन से उसके एक दोस्त ने मुलाकात करवाई थी। आरोपी सुमन ने खुद को प्रॉपर्टी ब्रोकर बताया था। बड़े लोगों से जान-पहचान का हवाला देते हुए सुमन ने सरकारी नौकरी लगवाने की बात भी अनिल से कही। अनिल प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा था। इस पर वो उसके झांसे में आ गया।
पहले पुलिस विभाग में कांस्टेबल पद पर भर्ती करवाने की बात हुई। लेकिन नौकरी पसंद नहीं आई तो अनिल ने रेलवे में टीसी बनाने के लिए कहा। इस पर सुमन ने जनवरी महीने में 16 लाख रुपए में सौदा तय किया। इस बीच सुमन ने एक बार अनिल को अपने इंदौर स्थित घर भी बुलाया था। बाद में उसने अपने साथी अभिजित साहू से मिलने के लिए अनिल को कहा।
रेलवे में टीसी की नौकरी के लिए अनिल और अभिजित की एक कैफे में बैठक हुई। पहली खेप में ढाई लाख रुपए नगद दिए। तब तय हुआ कि 30 प्रतिशत रकम नौकरी के पहले, और शेष 70 प्रतिशत ऑफर लेटर मिलने के बाद देना होंगे। अनिल ने कुछ पैसे सुमन-अभिजित के अकाउंट में भी डाले।
इसके बाद सुमन-अभिजित ने अनिल को फर्जी नियुक्ति पत्र दिया। इसके बाद ट्रेनिंग पर भेजने के नाम पर फर्जी ट्रेनी आइडेंटिटी कार्ड बनाकर भी दिया। ट्रेनिंग के लिए पश्चिम बंगाल के आसनसोल भेजा। वहां करीब डेढ़ से दो महीने रहा। ट्रेनिंग के समय एक राहुल नाम का व्यक्ति उसे मिला जो सुमन का ही साथी था। वो अनिल को ट्रेन में इधर से उधर दो-तीन घंटे घुमाता और फिर वापस रूम पर जाने के लिए कह देता। इस तरह ट्रेनिंग के नाम पर अनिल को आरोपी घुमाते रहे।
इस दौरान ट्रेनिंग के दौरान रुकने-ठहरने का पूरा खर्च अनिल से ही करवाया। ट्रेनिंग खत्म होने के बाद अनिल को वापस जाने के लिए कहा और बताया कि जॉइनिंग लेटर और आईडी कार्ड दूसरा मिलेगा। फिर अनिल को दिल्ली भेजा और वहां से फर्जी जॉइनिंग लेटर दिया। इसके बाद वापस अनिल आसनसोल गया और वहां दो महीने रहा। अनिल ने जब सैलरी के लिए दबाव बनाया तो युवती सुमन और वहां का आरोपियों का साथी राहुल आनाकानी करने लगा।
एक दिन सुमन ने अनिल को फोन किया और कहा कि अभिजित सर को गुजरात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अभी तुम वापस आ जाओ। बाद में तुम्हें वापस भेजेंगे या तुम्हारे पैसों के बारे में बात करेंगे। सुमन ने अनिल को डराया भी की सीबीआई मामले की जांच कर रही है। डर के कारण अनिल घर लौट आया। घर आने के बाद अनिल और सुमन के बीच बातचीत होती रही और सुमन हमेशा वापस नौकरी पर भेजने की बात कहती रही।
बाद में जब अनिल ने रुपए वापस मांगे तो सुमन ने कहा कि अभिजित सर के अकाउंट में रुपए डाले थे तो उन्हीं से लो। अनिल ने पुलिस में शिकायत करने की बात कही लेकिन सुमन रुपए लौटाने को तैयार नहीं हुई। उल्टा कहने लगी कि तुम भी फंसोगे और डराने लगी।
बाद में कहा कि अभिजित को ढूंढने में मेरी मदद करो। पता चला कि अभिजित रूम खाली कर इंदौर से जा चुका है और उसका फोन भी बंद है। जब अनिल को लग गया कि अब सुमन रुपए नहीं लौटाने वाली तो उसने बेटमा पुलिस थाने में शिकायत की। पुलिस ने घेराबंदी कर आरोपी युवती सुमन को गिरफ्तार कर लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है।
कर्ज लेकर दिए रुपए
फरियादी अनिल के पिता किसान है। बेटे की सरकारी नौकरी लगेगी इस विश्वास में परिवार ने ढाई से 3 प्रतिशत के ब्याज पर रुपए उधार लिए और सुमन को दिए। अनिल की शादी हो चुकी है। जिन लोगों से कर्जा लिया था वो भी रुपए के लिए तकादा कर रहे हैं।