मंडी में पत्र वायरल होते ही हंगामा
उज्जैन, अग्निपथ। अनाज तिलहन संघ के नए अध्यक्ष को लेकर विवाद गहरा गया है। गठन की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए संगठन के चार से ज्यादा सदस्यों ने विरोध में पत्र जारी किया है। पत्र संगठन देकर दो दिन में जवाब मांगा गया है। अगर चारों सदस्य जवाब से संतुष्ट नहीं हुए तो आगे की कार्रवाई के लिए जाएंगे।
बुधवार को अनाज तिलहन संघ के सदस्य लोकेंद्र गोस्वामी ने अनाज तिलहन संघ के अध्यक्ष गोविंद खंडेलवाल और सचिव अनिल गर्ग को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि उन्होंने नियमावली का उल्लंघन करते हुए ठहराव प्रस्ताव पास किया है। जबकि इसके लिए एजीएम या साधारण सभा को बुलाया जाना चाहिए था। बगैर एजीएम की स्वीकृति के संगठन का विस्तार किया गया और बगैर सदस्यों की अनुमति के नवीन कार्यकारिणी का गठन कर दिया गया। जबकि नियम के मुताबिक साधारण सभा का एजेंडा निकाला जाना चाहिए था।
गोस्वामी ने आरोप लगाया कि बगैर नियमों का पालन किए अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सचिव को नियुक्त किया गया है। जबकि चुनाव के लिए चुनाव अधिकारी का नाम भी तक किया गया था और विधानसभा चुनाव के बाद अनाज तिलहन संघ के चुनाव कराए जाने थे। पुरान पदाधिकारियों ने इस्तीफा भी नहीं दिया और न ही इसकी कोई सूचना प्रसारित की गई। एक रजिस्टर्ड संस्था में अवैधानिक कार्य किया गया है। साधारण सभा की स्वीकृति के बिना किसी को भी अध्यक्ष या अन्य किसी पद पर नियुक्त नहीं किया जा सकता है।
गोस्वामी ने इस ठहराव और प्रस्ताव को तत्काल वापस लेकर नियुक्ति को खारिज करने की मांग की है। वर्ना उन्होंने चेतावनी दी है कि वे इस प्रस्ताव और नियुक्ति को वैधानिक रूप से चुनौती देकर कार्रवाई करेंगे।
उधर नए अध्यक्ष जितेंद्र अग्रवाल और सचिव हजारीलाल मालवीय ने बताया कि वे संगठन का कामकाज गुरुवार को गणेश मंदिर पर पूजा अर्चना के बाद संभालेंगे। उनका कहना है कि संगठन व्यापारियों के हित में काम करेगा। संगठन के माध्यम से व्यापारियों की समस्या का निराकरण करेंगे।
दो नए सदस्यों को लिया, दो और नाम जोड़ सकते हैं अध्यक्ष
अनाज तिलहन संघ में 21 डायरेक्टर और पदाधिकारी रहते हैं। इसमें से मुकेश हरभजनका और अनिल मस्ती के निधन से दो पद खाली हुए थे। इनके स्थान पर दो नए सदस्यों को लिया गया है। वहीं अध्यक्ष कोआप्ट के नाम पर दो सदस्यों को और सदस्य बना सकते हैं। इसमें उदित जैन और शैलेंद्र बुंदेला के नाम की चर्चा है। हालांकि अध्यक्ष अपने अधिकार का इस्तेमाल करके किसे सदस्य बनाते हैं यह नियुक्ति के बाद साफ होगा।
पूरे प्रदेश को हिलाने वाली मंडी खुद हिली
उज्जैन की अनाज मंडी ने पिछले दिनों व्यापारियों की समस्या के लिए आंदोलन शुरू किया था जो कई दिनों तक चला था और पूरे प्रदेश में हड़ताल शुरू हो गई थी। बड़ी मुश्किल से कई दिनों के गतिरोध के बाद हड़ताल खत्म हुई थी। पूरे प्रदेश को हिलाने वाली मंडी इस बार नई नियुक्ति के विवाद में आते ही खुद हिल गई है।
इनका कहना
संगठन का विस्तारीकरण किया गया है वह नियमों के तहत किया गया है। विरोध करने वालों से चर्चा करके मामले का हल निकाला जाएगा।
– गोविंद खंडेलवाल, पूर्व अध्यक्ष अनाज तिलहन संघ उज्जैन