15 नवंबर को सोयाबीन 5450 रुपए क्विंटल रुपए के दाम में बिका था
उज्जैन, अग्निपथ। एक माह से सोयाबीन के दाम लगातार गिरते जा रहे हैं। इससे किसान और व्यापारी भी हलकान हो गए हैं। पूरा सीजन समाप्त होने को जा रहा है और आवक भी दमदार नहीं आ रही है। पहली बार सीजन कमजोर आवक की वजह से दाम भी नहीं उठ पाए हैं। किसानों ने फसल को रोक लिया है। वहीं व्यापारी साढ़े पांच हजार के दाम पर स्टाक कर चुका है। इससे दोनों ही मंदी का शिकार हो रहे हैं।
मंडी में इस समय सोयाबीन के दाम 15 प्रतिशत कम चल रहे हैं। प्लांट की खरीदी भी कम होने से किसानों और व्यापारियों को दाम नहीं मिल पा रहे हैं। प्लांटों में डीओसी का स्टाक होने से मंदी का शिकार है। बताया जाता है कि किसानों के पास पिछले तीन साल का माल स्टाक में अच्छे दाम के लिए रखा हुआ है। व्यापारी भी अच्छे दाम के लिए लंबे समय से सोयाबीन को रोक कर रखे हुए हैं। परन्तु इनका खर्च ही अब ज्यादा होने से बैचेन होने लगे हैं।
ब्राजील और अर्जेटीना की फसल आने से दाम टूटने के आसार : आगामी दिनों में ब्राजील और अर्जेंटीना की सोयाबीन की फसल आ जाएगी। इसके चलते देशी सोयाबीन के दाम में और भी उतार आ सकता है। इधर रायडा की फसल भी आने लगेगी। इससे सोयाबीन के दाम कमजोर ही बने रहने के आसार बताए जा रहे हैं।
सोयाबीन की दस हजार बोरियों की आवक
उज्जैन मंडी में गुरुवार को दस हजार 95 बोरियों की आवक हुई है। यह 2200 से 5090 के अधिकतम पर बिकी। इसका माडल रेट 4750 रुपए था। लोकवान की 1450 बोरियों की आवक हुई और यह 3161 के अधिकतम दाम पर बिकी। पोषक गेहूं की 245 बोरियों की आवक हुई और यह अधिकतम 2395 रुपए क्विंटल के अधिकतम दाम पर बिकी। जबकि पूर्णा की 175 बोरियों की आवक हुई। यह 2945 के अधिकतम दाम पर बिकी।
चना 13900 रुपए क्विंटल, चना शंकर 6200 रुपए क्विंटल, मसूर 5030 रुपए क्विंटल, रायडा 4400 रुपए क्विंटल, राई 62 रुपए क्विंटल, तिल्ली 15002 रुपए क्विंटल के दाम पर बिकी है।