पीएम मोदी से सीएम डॉ. मोहन यादव की दिल्ली में मुलाकात के बीच जारी हुई राशि
भोपाल। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने मध्यप्रदेश को 5727 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि जारी की है। यह राशि शुक्रवार को सीएम मोहन यादव के दिल्ली प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी मुलाकात और विकास कार्यों के लिए तय प्राथमिकताओं पर चर्चा के बीच जारी हुई है।
उधर केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा यह राशि जारी करने के दौरान कहा गया है कि आगामी उत्सवों और नए साल के मद्देनजर केंद्र ने विभिन्न सामाजिक कल्याण उपायों और बुनियादी ढांचे के विकास योजनाओं के वित्त पोषण के लिए यह राशि दी है। इससे राज्य सरकारों को मजबूती मिलेगी। इसीलिए राज्यों को कर हस्तांतरण की अतिरिक्त किस्त के रूप में 72,961.21 करोड़ जारी किए गए हैं। यह किस्त 10 जनवरी 2024 को दी जाने वाली कर हस्तांतरण की राशि और 11 दिसंबर 2023 को पहले ही जारी की गई 72,961.21 करोड़ की किस्त के अतिरिक्त है।
मुख्यमंत्री बोले-सीएम मोदी और वित्तमंत्री का आभार
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि विकास पथ पर तेजी से आगे बढऩा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी है। इस महत्वपूर्ण निर्णय के लिए प्रधानमंत्री मोदी तथा केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के प्रति हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। निश्चय ही इस निर्णय से मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों में सर्वस्पर्शी, समावेशी तथा सार्वभौमिक विकास को एक नई गति मिलेगी।
सबसे अधिक राशि पाने वालों में एमपी तीसरे स्थान पर
केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए 72961.21 करोड़ रुपए के फंड में से सबसे अधिक 13088.51 करोड़ रुपए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के लिए जारी किए गए हैं। इसके बाद बिहार की नीतीश सरकार को 7338.44 करोड़ रुपए दिए गए हैं। एमपी की मोहन यादव सरकार को 5727.44 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं।
तय हो सकते हैं मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल के चेहरे
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव दिल्ली दौरे पर हैं। मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर शुक्रवार को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। सीएम यादव के साथ डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला भी मौजूद रहे। बताया जा रहा है कि आज मंत्रिमंडल के सदस्यों की सूची को अंतिम रूप दिया जा सकता है। ऐसी संभावना है कि 23 दिसंबर को मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है। मंत्रिमंडल में पुराने चेहरों यानी मंत्री रह चुके नेताओं के बजाय नए चेहरों को तवज्जो मिल सकती है। तीन से पांच बार विधायक बनने के बाद भी मंत्री पद से चुके नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है।