उज्जैन, अग्निपथ। पिछले अगस्त माह में ताजपुर सीएसी बामोरा अकासोदा निवासी एक युवक के डेंगू पॉजिटिव मिलने के बाद दो युवक और पॉजीटिव पाये गये थे। इसको लेकर मलेरिया विभाग अलर्ट मोड में आया था और युवक के संपर्क में आने वाले सभी लोगों को डेंगू टेस्ट कराया। लेकिन बाकी सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। इसके बाद से आज तक एक भी डेंगू पाजिटिव उज्जैन जिले में नहीं पाया गया है।
जानकारी के अनुसार 26 अगस्त को बनारस से दो बटुक दुर्गादत्त 18 और शुधेशु पांडे 20 वर्ष चिंतामन जवासिया स्थित वेद विद्या प्रतिष्ठानम में एक प्रतियोगी परीक्षा में शामिल होने के लिये आये थे। इनमें से एक युवक को रास्ते से ही बुखार आ रहा था। उसने शंका होने पर माधव नगर अस्पताल में 27 अगस्त को अपनी जांच कराई। जिसमें वह पॉजीटिव पाया गया। इसी बीच वह उदयन मार्ग स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती हो गया। सूचना पर मलेरिया विभाग की टीम 29 अगस्त को वेद विद्या प्रतिष्ठानम पहुंची थी और यहां पर पंचनामा बनाकर उनके बारे में जानकारी और जांच एकत्रित की।
वेद विद्या प्रतिष्ठानम के 7 लोगों की जांच
इसके बाद दूसरे बटुक को भी बुखार आ गया था। इस बीच दोनों वेद विद्या प्रतिष्ठानम में ही रहे। दोनों वहां से तीन दिन पहले बनारस रवाना हो गये। बताया जाता है कि दोनों की हालत ठीक थी। मामले की सूचना पर 1 सितंबर को फिर से मलेरिया विभाग की टीम मलेरिया निरीक्षक चंदनसिंह हाड़ा के साथ वेद विद्या प्रतिष्ठानम पहुंची और यहां पर 7 लोगों की जांच रैपिड डायग्नोस्टिम किट से की। जिसमें सभी नेगेटिव पाये गये।
बामोरा अकासोदा निवासी मिला था पॉजिटिव
सबसे पहले ताजपुर सीएससी के ग्राम बामोरा अकासोदा निवासी मरीज डेंगू पॉजीटिव पाया गया था। सिंधी कॉलोनी के पास स्थित एक नर्सिंग होम में 8 अगस्त को भर्ती करवाया गया था। चरक अस्पताल सेंपल भेजने पर वह डेंगू पाजिटिव पाया गया था। इसके बाद उसको 9 अगस्त को इंदौर रैफर कर दिया गया। उसके प्लेटलेट्स घटकर 8 हजार हो गये थे। इसकी सूचना मलेरिया विभाग को अस्पताल ने दी थी। लिहाजा मलेरिया विभाग ने ताजपुर जाकर उसके घरों के आसपास सर्वे भी किया और डेंगू के लार्वा को नष्ट करने के तहत दवाइयों का छिडक़ाव भी किया गया था।