उज्जैन, अग्निपथ। प्रेम-प्रसंग के चलते पत्नी ने अपने प्रेमी और 2 भाईयों के साथ मिलकर पति की हत्या कर दी थी, पुलिस ने मामले में हत्या का प्रकरण दर्ज कर चारों को गिरफ्तार कर न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया था। तीन साल बाद सुनाई पूरी होने पर न्यायालय ने चारों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
जिला अभियोजन अधिकारी राजेन्द्र खाण्डेगर ने बताया कि 8 अगस्त 2020 को ग्राम आकासौदा से टीकमसिंह की लाश घर के समीप से मिलना सामने आया था। सूचना पर चिंतामण थाना पुलिस मौके पर पहुंची थी। पत्नी रचनाई बाई ने बताया कि कुछ बदमाश आये थे और घर में लूटपाट कर 35 हजार रुपये और आभूषण लेकर भागे है। पति ने बदमाशों का पीछा करने का प्रयास किया था, जिसके चलते उसकी हत्या कर दी गई। घटना के बाद मृतक के भाई अभिजीत ने संदेह जताया और भाभी रचना की साजिश बताई।
प्रेम संबंध का मामला
पुलिस ने हत्या का प्रकरण दर्ज कर गंभीरता से जांच शुरू की। जिसमें सामने आया कि रचना के प्रेम संबंध रतनसिंह चौधरी से है, जिसको लेकर मृतक और रचनाबाई में विवाद होता था। इसी वजह से रचना ने अपने प्रेमी रतनसिंह और दो भाई विरेन्द्रसिंह, ईश्वरसिंह के साथ मिलकर लाठी-डंडो से हत्या की और साक्ष्य छुपाने के लिये घर में लूटपाट की झूठी कहानी गढ़ी है। जांच के आधार पर रचना को हिरासत में लेकर स त पूछताछ करने पर उसने हत्या करना कबूल कर लिया।
चारों को गिरफ्तार कर पुलिस ने न्यायालय में पेश किया। तीन साल चली सुनवाई के बाद सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश शशिकांत वर्मा ने फैसला सुनाते हुए रचनाबाई, उसके प्रेमी रतनसिंह और दोनों भाईयों को हत्या करने और साक्ष्य छुपाने का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अभियोजन अधिकारी ने बताया कि प्रकरण में संचालन नितेश कृष्णन एडीपीओ एवं संध्या सोलंकी एडीपीओ किया गया।