इंदौर-देवास डबलिंग पर 120 की स्पीड से दौड़ी थी, पुलिस की मौजूदगी में हुई अंत्येष्टि
इंदौर, अग्निपथ। इंदौर-देवास रेलवे लाइन पर रेल सुरक्षा आयुक्त (सीएसआर) के दौरे के बाद ट्रैक पर हादसा हो गया। सीआरएस स्पेशल ट्रेन से दो स्टूडेंट्स की मौत हो गई। जिस ट्रैक पर घटना हुई है वहां पर ट्रेन का पहली बार ट्रायल रन था। इसी ट्रैक से तीन स्टूडेंट्स बबली, राधिका और साधना सेटेलाइट जंक्शन कॉलोनी स्थित अचीवर कोचिंग क्लास से अपने घर वापस लौट रही थी। शुक्रवार दोपहर भारी पुलिस बल की मौजूदगी में दोनों की अर्थी उठी।
घटना की जानकारी लगते ही मौके पर रेलवे के अधिकारी और लसूडिय़ा थाने के पुलिस अधिकारी पहुंचे। घटना की जानकारी कैबिनेट मंत्री तुलसीराम सिलावट ने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को भी दी। इसके बाद केंद्रीय रेल मंत्री ने डीआरएम को जांच के आदेश दिए।
इधर, हादसे की जांच के आदेश दिए जा चुके हैं। जिस ट्रैक पर हादसा हुआ उसकी स्पीड टेस्ट की ओके रिपोर्ट भी आ गई है। ट्रैक पर ट्रैफिक शुरू हो चुका है। रिपोर्ट आने के बाद गुरुवार रात 11 बजे इसी ट्रैक से पहली ट्रेन शांति एक्सप्रेस गुजरी। इसके बाद शुक्रवार से ट्रेनों के आने जाने का सिलसिला जारी है।
मंत्री सिलावट ने परिजनों का ढांढ़स बंधाया, आर्थिक सहायता स्वीकृत
कैबिनेट मंत्री तुलसीराम सिलावट भोपाल से सीधे इंदौर के एबी रोड स्थित कैलोद काकड़ पहुंचे। यहां उन्होंने मृतक बालिकाओं के निवास पर शोक संवेदना व्यक्त की। उन्होंने परिजनों से मिलकर ढांढस बंधाया और कहा कि राज्य सरकार द्वारा इन बालिकाओं के परिजनों की हर संभव मदद दी जाएगी।
चार-चार लाख रूपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत कराई जा रही है। तत्कालिक राहत के रूप में एक-एक लाख रूपए की राशि प्रदान की गई है। साथ ही मृत बालिकाओं के चार भाई-बहनों की शिक्षा का खर्च मैं स्वयं वहन करूंगा।
सिलावट ने बबली की बहन शीतल, सोनू और भाई बादल और राधिका के भाई पीयूष के शिक्षा का खर्च उठाने की बात कही है। इसके बाद एमवाय अस्पताल पहुंचे। यहां से उन्होंने मृत बालिकाओं के शव को पोस्टमार्टम के बाद एम्बुलेंस से उनके निवास पहुंचवाया और परिजनों को अपने वाहन से उनके निवास भेजा। सिलावट ने कैलोद काकड़ गांव के समीप रेलवे ट्रैक के पास सुरक्षा के लिहाज से जल्द दीवार बनाए जाने के निर्देश भी संबंधित अधिकारियों को दिए हैं।
ग्रामीणों को नहीं थी ट्रायल रन की जानकारी
लसूडिय़ा थाना प्रभारी तारेश सोनी के मुताबिक दोहरीकरण योजना में बरलाई से लक्ष्मीबाई नगर रेलवे स्टेशन तक नया रेलवे ट्रैक बनाया गया है। इस ट्रैक का काम 14 दिसंबर को पूरा हुआ। इसके बाद ट्रेनों का ब्लॉक ले लिया गया था। ट्रेन बंद होने के कारण इस ट्रैक पर ग्रामीण लोग आने लगे थे। गुरुवार को ट्रायल रन की जानकारी कई ग्रामीणों को नहीं थी।
पुलिस के मुताबिक जहां हादसा हुआ वहां से घर दो सो मीटर की दूरी पर है। मृतका राधिका और बबली के पिता मजदूरी करते हैं। राधिका का एक छोटा भाई 14 साल का है। जबकि बबली तीन बहन व एक भाई है। दोनों घर से आधा किलोमीटर दूर कोचिंग रोज पैदल आती जाती थी।
कोचिंग से लौट रही थीं घर
तीनों छात्राएं कैलोद कांकड़ स्थित प्रेसीडेंट स्कूल में 10वीं में पढ़ती थी। वह रेलवे ट्रैक पार करके कोचिंग से अपने घर जा रही थीं। रेलवे ट्रैक क्रॉस करते समय साधना नाम की छात्रा बबली और राधिका से आगे थी। अचानक रेलवे स्टेशन लक्ष्मीबाई नगर और मांगलिया के बीच देवास की तरफ से ट्रायल के लिए एक ट्रेन ट्रैक से निकली। इस दौरान राधिका और बबली इंजन की चपेट में आई और दोनों की मौत हो गई।