चरक अस्पताल की छठी मंजिल पर बनेगा आफिस, जज, साइकेट्रिस्ट, मेडिकल आफिसर, एनजीओ रहेगा शामिल
उज्जैन, अग्निपथ। प्रदेश सरकार अब मेंटल हेल्थ बोर्ड गठित करने जा रही है। प्रदेश के हर जिले में इस तरह के बोर्ड का गठन किया जायेगा। इसके लिये प्रदेश सरकार से हरी झंडी मिल चुकी है। अब इसको धरातल पर अमलीजामा पहनाना बाकी रह गया है। वास्तविक रूप से जो दिमागी रूप से परेशान हैं, उनको इस बोर्ड के बन जाने से जहां सहायता मिलेगी, वहीं ऐसे लोग जो अपने आप को दिमागी रूप से अक्षम बताकर किसी फायदे के बारे में सोचते हैं। वह इस मेेंटल हेल्थ बोर्ड गठन के बाद किसी को बेवकूफ नहीं बना सकेंगे।
जानकारी के अनुसार प्रदेश में सबसे पहले उज्जैन जिले में मेंटल हेल्थ बोर्ड का गठन किया जायेगा। चरक अस्पताल की छठवीं मंजिल पर इसके आफिस का निर्माण होगा। यहां से इसका संचालन किया जायेगा। उज्जैन के जिला अस्पताल में मानसिक रोगों के दो डॉक्टर्स अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इनमें से एक संविदा डॉक्टर विनीत अग्रवाल और दूसरे साइकेट्रिस्ट आरएमओ डॉ. नीतराज गौड़ हैं।
इन डॉक्टरों के रहने से मानसिक रूप से बीमार लोगों को चिकित्सकीय सहायता प्राप्त हो रही है। बताया जाता है कि मेेंटल हेल्थ बोर्ड में एक जज, साइकेट्रिस्ट, मेडिकल आफिसर और एनजीओ के सोशल वर्कर कर्मचारी शामिल रहेंगे। यह सब मिलकर यह तय करेंगे कि मरीज वास्तवित रूप से मानसिक बीमारी से पीडि़त है अथवा नहीं। मरीज को अपनी निगरानी में भर्ती कर उसकी मानिटरिंग की जायेगी और इसके बाद ही उसको वास्तविक रूप से मानसिक रोगी माना जायेगा और उसको प्रमाण पत्र दिया जायेगा।
फायदा उठा रहे हैं लोग
मेंटल हेल्थ बोर्ड के नहीं होने से वास्तवित रूप से मानसिक रूप से बीमार लोगों के जगह ऐसे लोग इसका फायदा उठा रहे हैं। जोकि इस श्रेणी में नहीं आते हैं। अपने निहित स्वार्थ के लिये वे मानसिक रोगी बन जाते हैं। सजा से बचने के लिये, बैंक का कर्ज नहीं चुकाने और अन्य ऐसे कारणों से जोकि उनको आर्थिक रूप से फायदा पहुंचाता है। लोग मानसिक रोगी बनने से भी नहीं चूकते हैं। ऐसे ही लोगों को प्रमाण पत्र देने से पहले उनकी मानिटरिंग के बाद बोर्ड द्वारा फैसला लिया जायेगा कि वास्तविक रूप से मरीज मानसिकर रोगी है अथवा नहीं।