बारिश के बाद अब तक साढ़े छह सौ एमसीएफटी पानी घटकर 1600 पर पहुंचा
उज्जैन, अग्निपथ। शहर में पेयजल संकट न खड़ा हो और आपूर्ति लगातार बनी रहे इसको ध्यान में रखते हुए कलेक्टर ने गंभीर से पानी चोरी रोकने के लिए पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 के प्रावधानों को लागू कर दिया है। वहीं निगम ने भी एक गैंग को तैनात कर दिया है। यह गांवों में डुंडी पिटवाकर लोगों को पानी चोरी न करने और कार्रवाई करने के संबंध में चेतावनी देगी।
नगर निगम के जलकार्य एवं सीवरेज प्रभारी प्रकाश शर्मा ने बताया कि इस वर्ष हुई वर्षा के कारण गंभीर बांध में पूर्ण क्षमता 2250 जल का संग्रहण हुआ था। जो अब घटकर 1600 एमसीएफटी हो गई है। यानी साढ़े छह सौ एमसीएफटी पानी गंभीर से कम हो चुका है। गंभीर बांध में भण्डारित जल को आगामी वर्षाकाल तक उज्जैन शहर की जलप्रदाय व्यवस्था हेतु सुरक्षित रखे जाने हेतु जिला कलेक्टर द्वारा गंभीर डेम एवं क्षिप्रा नदी का जल संरक्षित घोषित किया है।
इसके लिए महापौर मुकेश टटवाल, निगम अध्यक्ष कलावती यादव से सलाह करके कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम को अवगत कराया गया था कि गंभीर बांध के भराव क्षेत्र में दोनों किनारों पर स्थित ग्रामों के कृषकों द्वारा रबी सीजन की सिचाई हेतु नदी के दोनों किनारों पर सीधे मोटरें रखकर अथवा अस्थाई पाईपलाईन के माध्यम से अवैध रूप से पानी लिया जाता है।
अत: आगामी ग्रीष्मकाल में उज्जैन शहर को पेयजल संकट से बचाने हेतु गंभीर बांध के अपस्ट्रीम में संग्रहित जल को सुरक्षित रखने हेतु पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 के प्रावधानों को लागू किया जाना आवश्यक है।
पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 3 में उपलब्ध प्रावधानों के अनुसरण में जनसाधारण को घरेलु प्रयोजन के लिए जल उपलब्ध कराने की दृष्टि से गंभीर डेम एवं क्षिप्रा नदी के जल को संरक्षित घोषित करते हुए उससे लगे उपरोक्त उल्लेखित ग्रामों को केवल पेयजल के लिये प्रयोग की अनुमति देते गंभीर डेम क्षिप्रा नदी से जल को अन्य किसी प्रयोजन यथा सिंचाई एवं औद्योगिक प्रयोजन के उपयोग हेतु निषिद्ध किया गया है।
इन इलाकों में लागू होगा परिरक्षण अधिनियम
गंभीर नदी क्षेत्र में उज्जैन तहसील के अन्तर्गत फाजलपुरा, खरेट, नलवा, सेमदिया, असलाना, खेमासा, एरवास, कडारिया, भेरूखेडा, पारदीखेडा, अजराना, टकवासा, घटिया तहसील अन्तर्गत अबोंदिया, बडवई, बडनगर तहसील अन्तर्गत कंथारखेडी, बमनापाती, मतांगना, छानखेडी, खडोतिया, चिकली, भोंडोवास, ब्राहमण बडोदा, निम्बोदा, नाहरखेडी ग्राम शामिल है।
एसडीएम को जिम्मेदारी सौंपी
जिला कलेक्टर ने जनसाधारण को घरेलू प्रयोजन के लिये जल उपलब्ध कराने की दृष्टि से गंभीर डेम व क्षिप्रा नदी के जल को संरक्षित किया है। उन्होंने नगर पालिक निगम उज्जैन सबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को निर्देश दिए हैं कि वे यह सुनिश्चित करेंगे की जल का उपयोग केवल घरेलू प्रयोजन के लिये हो, इस उददेश्य से जल के उपयोग के लिए विविध तरीकों पर सतत् निगरानी रखेंगे।
यह उनका उत्तरदायित्व होगा कि वे अन्य प्रयोजन के लिये उन्हें उनके अधिकार क्षेत्र में जल उपयोग करते हुए पाए जाने की स्थिति में म.प्र. पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 अथवा इस विषय पर प्रभावशील अन्य उपबंधों के अधीन वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित करें। साथ ही नगर पालिक निगम, उज्जैन राजस्व विभाग एवं विद्युत मंडल के दल गंभीर जलाशय नदी पर चल रहे या चलने वाले अवैध पंपों को जब्त करने की कार्यवाही करेंगे।