सुपरवाइजर-क्यूआरटी टीम द्वारा महिला सुरक्षाकर्मियों से अमर्यादित व्यवहार

सुरक्षा से संबंधित वरिष्ठ अधिकारी भी शिकायत के बाद साधे हुए मौन, बोले जा रहे अपशब्द

उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में सुरक्षा का प्रभार संभालने वाली एसआईएस कंपनी के सुपरवाइजर और क्यूआरटी टीम कर्मी बेलगाम हो गए हैं। उनके द्वारा महिला सुरक्षाकर्मियों के साथ बदसलूकी की जा रही है। यहां तक कि बातचीत के दौरान गालीगलौज कर उनका अपमान किया जा रहा है। कंपनी की सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों को भी इसकी शिकायत मिली है। लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं किया जा रहा।
हाल ही में महाकालेश्वर मंदिर में महिला सुरक्षाकर्मी राखी यादव का एक श्रद्धालु द्वारा विवाद के बाद सम्मान किया गया था। राखी यादव ने अपना कर्तव्य निभाते हुए श्रद्धालु को कार्तिकेय मंडपम का बेरिकेड हटाकर दर्शन करने पर आपत्ति ली थी। दूसरे दिन ग्लानि से भरे उज्जैन निवासी श्रद्धालु द्वारा कंट्रोल रूम में सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल की उपस्थिति में महाकाल मेमेंटो और शाल श्री फल से स्वागत सम्मान किया गया था। महिला सशक्तिकरण को श्रद्धालु ने अपने विचारों से और सशक्त कर दिया था और लोगों में एक संदेश भी गया था। लेकिन अब इसी कंपनी के अन्य महिला सुरक्षा कर्मियों के साथ अमर्यादित व्यवहार किया जा रहा है।

घटना -1

करीब 15 दिन पहले एसआईएस कंपनी के सुपरवाइजर ठाकुर मोहित सोलंकी द्वारा पानी पीने गई महिला सुरक्षाकर्मी निकिता गुप्ता (परिवर्तित नाम) को अनर्गल शब्द बोलते हुए उसकी घर रवानगी डाल दी गई थी। इसको लेकर महिला सुरक्षाकर्मी काफी परेशान हुई थी। उसको अपशब्द भी बोले गए थे। पूरे मंदिर गलियारों में इस बात की चर्चा चलती रही।

घटना -2

हाल ही में क्यूआरटी टीम की महिला सुरक्षाकर्मी लेहा (परिवर्तित नाम) के साथ सुपरवाइजर ठाकुर मोहित सोलंकी द्वारा बदतमीजी की जाकर उसके साथ गालीगलौज भी की गई थी। लेहा द्वारा अपने वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी शिकायत भी की गई लेकिन अभी तक कोई भी एक्शन सुरक्षा से जुड़े किसी भी अधिकारी ने नहीं उठाया है।

घटना नंबर-3

सोमवार को रात्रि 10 बजे के आसपास क्यूआरटी टीम की महिला सुरक्षाकर्मी लविशा और मीनल (परिवर्तित नाम) फेसिलिटी सेंटर का बेरिकेड हटाकर प्रवेश कर रही थीं। इस दौरान क्यूआरटी टीम कर्मी रवि योगी द्वारा बेरिकेड हटाने को लेकर उनसे गालीगलौज की गई। महिला सुरक्षाकर्मियों द्वारा इसकी शिकायत कंपनी और मंदिर के सुरक्षा अधिकारियों को किए जाने के बाद भी अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है। ऐसे में महिलाओं का नौकरी के दौरान आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाई जा रही है। जबकि शासन द्वारा महिलाओं को नौकरी के दौरान स्पष्ट निर्देश हैं कि उनके साथ कोई भी छेड़छाड़ या अमर्यादित व्यवहार किया जाए तो एफआईआर दर्ज हो। लेकिन महाकालेश्वर मंदिर में महिलाओं का नौकरी करना मुश्किल हो रहा है।

मंदिर कर्मचारी की दुकान हटवाई

महाकालेश्वर मंदिर के कर्मचारी दिनेश धानुक ने अधिकारियों से सहमति लेकर शंख द्वार के सामने उनके परिवार के पालन पोषण के लिए हारफूल की दुकान संचालित करने की अनुमति ली थी। हाल ही में चार पांच दिन पहले क्यूआरटी टीम कर्मी धर्मेन्द्र परमार उनकी दुकान पर पहुंचा और विवाद करते हुए दुकान हटाने को कहा। मामला मंदिर के सुरक्षा से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों तक भी पहुंचा और कर्मचारी की दुकान को हटवा दिया गया। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि मंदिर के सुरक्षाकर्मी नियंत्रण नहीं होने की वजह से बेलगाम हो गए हैं।

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