कार्यकारी संचालक राजेश राठौड़ ने बुधवार को पदभार ग्रहण किया
उज्जैन, अग्निपथ। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने 2 जनवरी को औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान निवेश प्रोत्साहन एवं औ़द्योगिक विकास हेतु वर्तमान में कार्यरत क्षेत्रीय कार्यालय इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर एवं रीवा के अतिरिक्त अन्य संभागीय मुख्यालयों पर भी क्षेत्रीय कार्यालय प्रारंभ करने तथा उज्जैन संभाग हेतु तत्काल क्षेत्रीय कार्यालय प्रारंभ करने के निर्देश दिए थे।
मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के निर्देशों पर अमल करते हुए उज्जैन संभाग हेतु क्षेत्रीय कार्यालय, विक्रम उद्योगपुरी लिमिटेड में प्रारंभ कर दिया गया है। आज निर्देशों का पालन करते हुए कार्यकारी संचालक मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम इंदौर श्री राजेश राठौड ने आज 3 जनवरी को क्षेत्रीय कार्यालय उज्जैन संभाग के कार्यकारी संचालक का अतिरिक्त प्रभार ग्रहण कर लिया है।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देशों के अनुपालन में क्षेत्रीय कार्यालय से उज्जैन संभाग के उ़द्योगपतियों की स्थानीय स्तर पर आवश्यकताओं एवं समस्याओं का समाधान संभव हो सकेगा। इससे उज्जैन संभाग में उद्योगों की स्थापना एवं रोजगार सृजन में तेजी आऐगी। संभाग के उद्योगपतियों ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्णय की प्रशंसा करते हुए उज्जैन संभाग के औद्योगिकीकरण में इस पहल को अत्यंत महत्वपूर्ण निर्णय बताया है।
कोटवारों के रिक्त पदों की जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश
उज्जैन, अग्निपथ। ग्राम कोटवारों के रिक्त पदों की शत-प्रतिशत पूर्ति करने के निर्देश राजस्व विभाग ने पूर्व में जारी किये थे। मप्र भूराजस्व संहिता-1959 की धारा-230 के अनुसार ग्राम या ग्रामों के समूह के लिये एक या अधिक कोटवार धारा-258 के अधीन बनाये गये नियमों के अनुसार नियुक्त किये जाने का प्रावधान है। इसी धारा के अन्तर्गत कोटवारों के कत्र्तव्य भी निहित है।
संयुक्त राजस्व आयुक्त भोपाल ने प्रदेश के समस्त जिला कलेक्टर्स को निर्देश दिये हैं कि वे अपने-अपने जिलों की समस्त तहसीलों में स्वीकृत कोटवारों के पदों के विरूद्ध रिक्त पदों की जानकारी उपलब्ध करायें। अगर नवीन राजस्व ग्रामों के गठन ग्रामों के क्षेत्रफल/जनसंख्या में वृद्धि अथवा अन्य किसी कारण से कोटवारों के नये पद का सृजन किया जाना हो तो उसका उल्लेख निर्धारित प्रपत्र में ईमेल के माध्यम से उपलब्ध कराया जाये, ताकि स्थिति का आकलन कर राजस्व विभाग मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा जा सके।