उज्जैन, अग्निपथ। धर्मशाला में कमरा बुक करने के नाम पर हावड़ा के श्रद्धालु से ऑनलाइन 25 हजार की धोखाधड़ी होना सामने आया है। श्रद्धालु के उज्जैन पहुंचने पर बुक की गई धर्मशाला का पता नहीं मिला। जिस नबंर पर ट्रांजेक्शन किया गया था, वह भी बंद था। मामले की शिकायत पुलिस को दर्ज कराई गई है।
बंगाल के हावड़ा स्थित सांकलिया में रहने वाले श्याम सुंदर पिता पांचूलाल (42) महाकाल दर्शन के लिये उज्जैन आने वाले थे। उन्होने गूगल पर ठहरने के लिये होटल, धर्मशाला सर्च की। उन्हे आंजना समाज की धर्मशाला का नंबर मिला। संपर्क करने पर ऑलाइन 25 हजार रूपये जमा कराने को कहा गया।
श्याम सुंदर ने ऑनलाइन कमरों की बुकिंग कर रूपयों का ट्रांजेक्शन कर दिया। गुरूवार सुबह परिवार के साथ आने पर उन्हे धर्मशाला नहीं मिली। जिस नबंर पर बुकिंग और ट्रांजेक्शन किया गया था, उस पर कॉल किया गया। नबंर बंद आ रहा था, काफी परेशान होने के बाद लोगों से धर्मशाला का पता पूछा, और वहां तक पहुंचे, जहां सामने आया कि धर्मशाला की कोई ऑनलाइन साइड नहीं है और ऐसे बुकिंग नहीं की जाती है। उन्होने मामले की शिकायत महाकाल थाना पहुंचकर की। पुलिस ने शिकायती आवेदन पर मामले की जांच शुरू की है।
आधार कार्ड से हुई मृतक वृद्ध की पहचान
उज्जैन, अग्निपथ। जिला अस्पताल सीएमएचओ कार्यालय परिसर में गुरूवार सुबह वृद्ध की लाश पुलिस ने बरामद की थी। जिसकी पहचान आधार कार्ड से की गई है। परिजनों के आने पर पुलिस ने पोस्टमार्टम कराया और शव सुपुर्द किया। कोतवाली थाना पुलिस ने बताया कि चरक भवन से क्षीरसागर की ओर जाने मार्ग पर सीएमएचओ कार्यालय परिसर में एक वृद्ध की लाश पड़ी होने की सूचना पर पुलिस पहुंची थी।
मृतक की पहचान के प्रयास किये गये तो सामने आया कि वह आसपास चाय की दुकान पर काम करता था। कुछ दिनों से बीमार चल रहा था, रात सीएमएचओ कार्यालय परिसर में ही गुजारता था। उसका नाम कन्हैयालाल है। पुलिस ने शव जिला अस्पताल पहुंचाया और तलाशी ली। मृतक वृद्ध के पास आधार कार्ड मिला, जिस पर कन्हैयालाल पिता घीसालाल निवासी पिपलोनकलां लिखा था।
पता मिलने पर परिजनों से संपर्क का प्रयास किया, दोपहर में परिजन जिला अस्पताल पहुंचे उन्होने बताया कि कुछ सालों से उज्जैन में रहकर जीवन यापन कर रहे थे। घर नहीं आते थे। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया।