उज्जैन, अग्निपथ। गुर्जर गैंग में शामिल बदमाश ने 4 साल पहले पुलिस बल पर गिरफ्तारी से बचने के लिये अपने नाबालिग के साथ मिलकर गोलियां चलाई थी। पुलिस ने मुठभेड़ में दोनों को गिरफ्तार कर धारा 353 और 25 (1-बी)(ए) आयुध अधिनियम का प्रकरण दर्ज किया था। मामले में शुक्रवार को न्यायालय ने एक बदमाश को तीन साल की सजा सुनाई है। नाबालिग का मामला विचाराधीन है, जो अब बालिग हो चुका है।
जिला अभियोजन अधिकारी राजेन्द्र खाण्डेगर ने बताया कि 29 जून 2019 को सेक्टर गश्त में शामिल महाकाल टीआई अरविंद तोमर को तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने निर्देश दिया था कि चिमनगंज, देवासगेट, नीलगंगा थाना क्षेत्र में कई अपराधों को अंजाम दे चुका फरार बदमाश अनमोल गुर्जर तिरूपतिधाम कालोनी चिमनगंज क्षेत्र के मकान में छुपा हुआ है। जिसकी गिर तारी करना है।
टीआई अरविंद तोमर पुलिस बल के साथ कानीपुरा तिरूपतिधाम पहुंचे और जिस मकान में फरार बदमाश छुपा था, दबिश दी। बदमाश अपने साथी अशीष शर्मा के साथ पुलिस से बचने के लिये मकान की छत पर चढ़ गया और पीछे के रास्ते भागने का प्रयास करने लगा। पुलिस ने दोनों का पीछा किया, लेकिन दोनों ने देशी कट्टे से पुलिस पर फायर करना शुरू कर दिया।
पुलिस बदमाश को पकडऩे के लिये पूरी तैयारी से पहुंची थी। जिसके चलते दोनों को दबोच लिया। उस वक्त बदमाश अनमोल नाबालिग था। पुलिस ने मामले में दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर अशीष पिता रमेशचंद्र शर्मा को निवासी तिरूपतिधाम को न्यायालय में पेश कर अभियोग पत्र प्रस्तुत किया।
चार साल बाद अष्टम अपर सत्र न्यायाधीश विवेक कुमार चंदेल ने आशीष को पुलिस बल पर हमला करने के आरोप में तीन साल की सजा सुनाई है। प्रकरण में अभियोजन का संचालन पंकज जैन अपर लोक अभियोजक द्वारा की गई। घटनाक्रम के दौरान अनमोल गुर्जर के नाबालिग होने के चलते मामला विचाराधीन है।