पट्टाभिषेक कार्यक्रम में अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रहे मौजूद
उज्जैन, अग्निपथ। बाबा महाकाल की नगरी में और शिप्रा तट के किनारे सदावल रोड पर भव्य सनातनी गरिमामय पट्टाभिषेक कार्यक्रम संपन्न हुआ जिसमें कथा वाचक वर्षा नागर का पट्टाभिषेक करके उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि प्रदान की गई। वह नए नामकरण के साथ वर्षा नागर के स्थान पर अब महामंडलेश्वर माता अन्नपूर्णा पुरी कहलाएंगी ।
गुरुवार को शिप्रा के तट पर सदावल रोड पर प्रणव अक्षरधाम आश्रम में भव्य और अलौकिक सनातनी पट्टाभिषेक कार्यक्रम संपन्न हुआ जिसमें अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविन्द्र पुरी महाराज निरंजनी अखाड़ा की महामंडलेश्वर माता मंदाकिनी पुरी और विभिन्न अखाड़ों के साधुसंत महाराज की उपस्थिति में वर्षा नागर का पट्टाभिषेक करके उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि से सुशोभित किया गया।
उनका नया नामकरण किया गया, जिसमें वह पूरे देश और दुनिया में महामंडलेश्वर माता अन्नपूर्णा पुरी के नाम से जानी और पहचानी जाएंगी। भव्य कार्यक्रम में हजारों की तादाद में सनातनी धर्म प्रेमियों ने हिस्सा लिया और कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
मंदाकिनी पुरी की शिष्य
ज्ञात रहे कि माता अन्नपूर्णा पुरी महामंडलेश्वर माता मंदाकिनी पुरी की शिष्य हैं और उनके ही सानिध्य में और निर्देशन में माता अन्नपूर्णा पूरी को महामंडलेश्वर की उपाधि से सुशोभित किया गया है। अब वह पूरे भारत में सनातन धर्म की पताका फहराएंगी और धर्म को अपने कथा के माध्यम से आगे बढ़ाएंगी।
इस अवसर पर महंत शक्ति गिरि महाराज, रामेश्वर दास महाराज, भगवानदास महाराज, महंत विद्या भारती, ब्र हचारी शरण वितरागानंद महाराज, मुनि रामानंद महाराज, सुरेशानंद पुरी महाराज, गजानंद सरस्वती महाराज, बलरामदास महाराज, रामचंद्र दास महाराज, निरंजनी अखाड़े के सचिव रामरतनगिरी महाराज, सेवानंद गिरी महाराज, प्रेम गिरी महाराज, ब्रम्हचारी कृष्नानंद महाराज, देव गिरी महाराज, दिग्विजयदास महाराज, कल्की रामपुरी महाराज, बोदानंद पुरी महाराज, निलेशानंद पुरी महाराज, अंतरराष्ट्रीय पीठाधीश्वर माता पार्देश्वरी सिद्ध आश्रम राम घाट आदि महंतों के सानिध्य व सत्यनारायण जटिया, अनिल जैन कालूहेड़ा, सतीश मालवीय, केशर सिंह पटेल, विजय सिंह, भरत शर्मा, शिवम नागर, शोभा सोलंकी, यशोदा शर्मा, प्रीति दीक्षित, लक्ष्मी संचोरिया, गणेश परिवार और अमृत सेवा समिति उपस्थित रही।