पांच सौ साल तक चले युद्ध में चार लाख से ज्यादा रामभक्तों की जान गई : पवैया

डॉ हेडगेवार स्मृति व्या यानमाला के तहत श्रीराम जन्मभूमि विजयगाथा पर व्याख्यान दिया जयभान सिंह पवैया ने

उज्जैन, अग्निपथ। श्रीराम जन्मभूमि को मुक्त कराने में पांच सौ साल में चार लाख से ज्यादा रामभक्तों की जान गई है। इसके लिए 77 युद्ध लडे गए हैं। सरयू की धारा रक्त से लाल होती रही। अयोध्या की माटी लाल होती रहा। यह बात डॉ हेडगेवार स्मृति व्या यानमाला के तहत श्रीराम जन्मभूमि विजयगाथा पर व्याख्यान देते हुए पूर्व सांसद और पूर्व केबीनेट मंत्री जयभान सिंह पवैया ने कही।

उन्होंने सवाल किया कि क्यों दुनिया हमारे धर्म स्थानों को निशाना बनाया जाता है। जबकि भारत ने हमेश लोगों को शरण दी। उन्होंने कहा कि यहूदियों को पारस की खाड़ी से पारसियों को खदेड़ा गया था। तब भारत में शरण दी गई थी। वे आज भी गुजरात के सौराष्ट्र में रह रहे हैं।

इससे पूर्व उन्होंने कहा अयोध्या में देहली पर बैठकर कौशल्या 14 साल तक टकटकी लगाकार बैठी थी। मेरा राम आएगा। उनके राम 14 साल बाद घर आ गए थे। परन्तु मेरे राम को 500 सौ साल लग गए हैं, अपने घर आने में। जिन्होंने कार सेवा की और कार सेवा में गए। ज्यादातर लोगों को यह पता है कि एक कानूनी लड़ाई लड़ी गई।

सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंचा और रामजन्मभूमि के पक्ष में फैसला हो गया। 2019 में फिर प्रधानमंत्री जी ने आधारशिला रखी और 22 जनवरी 2024 को प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम हो रहा है।

मैं नई पीढ़ी से कहना चाहता हूं। आज हम राजजन्मभूमि का गाथा गा रहे हैं। इसके लिए चार लाख रामभक्तों ने बलिदान दिया है। पवैया ने कहा कि 565 रियासतों वाला भारत एक हजार साल की गुलामी के बाद खुद हो गया है। दुनिया में यह अपने आप में एक उदाहरण है। इसका कारण हमारे धर्म के प्रति आस्था है। तलवारों के बल पर मुगलों के अनेक आक्रमण किए। हमारे मंदिरों को तोड़ा, खंडहर में बदला। लेकिन कोई माई का लाल हमारे मन मंदिर में बसे राम को लूट कर नहीं ले जा पाया।

कभी कुंभ का मेला बंद नहीं किया हिंदू ने। शिप्रा में स्नान बंद नहीं किया। दिवाली के दीयों को कोई ताकत नहीं बुझाया। होली के रंगों को कोई फीका नहीं कर पाया। हम पराजित, बलिदान भी दिए। लगातार हमारी संस्कृति पर आक्रमण होते रहे। परन्तु हमने अपना संकल्प नहीं छोड़ा इसलिए आज राम मंदिर बन रहा है। कार्यक्रम में चार धाम मंदिर के संत महामंडलेश्वर शांतिस्वरुपानंद, डॉ हेडगेवार जन्मशताब्दी स्मृति सेवा न्यास के अध्यक्ष नितिन गरुड समेत शहर के प्रमुख लोग मौजूद थे।

उस राम मंदिर बनाएंगे लोगों को जमुला लगता था

पवैया ने कहा कि जब बजरंग दल और अन्य संगठन नारे लगाते थे कि राम लला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे। उस समय यह लोगों को जुमला लगता था। भावना भडक़ाने की बात लगती थी। परन्तु आज यही जुमला अयोध्या की धरती पर साकार होने जा रही है।

सोमनाथ पर हथोड़े हिंदुस्थानियों की आस्था पर चोट

पवैया ने कहा कि अगर उन्हें लूटना होता तो वे साहूकारों के घरों पर लूट करते। गजनी का घन लूट के लिए नहीं चला था। यह भारत की आस्था को तोडऩे के लिए चलाए गए थे। यह पता था विदेशियों को, अगर हिंदुस्थान को तोडऩा है तो हिंदुस्थानियों के आस्था के धागे को तोड़ दो। इससे यह देश बिखर जाएगा, टूट जाएगा। इसलिए आस्था पर चोट करने के लिए हथोड़े चलाए गए थे।

Next Post

साद मंसूरी और टिया राणा बने संभाग केसरी

Sat Jan 6 , 2024
उज्जैन, अग्निपथ। नगर पालिक निगम द्वारा आयोजित कार्तिक मेले में स्वर्गीय धन्नालाल चौधरी स्मृति में संभाग केसरी कुश्ती प्रतियोगिता के फाइनल मुकाबले शुक्रवार को खेले गए। जिसमें ओपन वर्ग में साद मंसूरी एवं महिला ओपन वर्ग में टिया राणा ने मुकावले को जितते हुए संभाग केसरी का खिताब प्राप्त किया। […]