ऐसा ही रहेगा मौसम, धूप के नहीं हुए दर्शन
उज्जैन, अग्निपथ। उत्तरी क्षेत्र की पहाडिय़ों से एक वेस्टर्न डिस्टर्बेंस और टकराने वाला है, जिसके चलते आगामी दिनों में बादल छाने के साथ ही बारिश की संभावना भी मौसम विज्ञानी जता रहे हैं। फिलहाल वेस्टर्न डिस्टर्बेंस अफगानिस्तान तक पहुंच गया है। लेकिन इसका प्रभाव पहले ही आ गया। रविवार शाम को 10 से 15 मिनट तेज और मध्यम बारिश होती रही। आगे के तीन दिन बादल छाने और बारिश की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
शनिवार को दिन में धूप निकलने के कारण दिन का अधिकतम तापमान 17.5 डिग्री से बढक़र 22.5 डिग्री सेल्सियस पर आ गया था। इसमें 4.7 डिग्री की बड़ी उछाल देखी गई थी। लेकिन इसके दूसरे दिन रविवार को सुबह से ही आसमान में बादलों के छाने से धूप के दर्शन नहीं हो पाये। जिसके चलते दिन का अधिकतम तापमान 22.5 डिग्री से गिरकर 18.8 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। दिन का पारा 3.7 गिर गया। इस दौरान कड़ाके की ठँड पड़ती रही।
रविवार और ठँड पडऩे के कारण शाम के समय बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा। केवल चाय की दुकानों पर लोग ठंड से सामना करते दिखाई दिये। यहां पर लोगों की भारी भीड़ चाय पीने के लिये दिखाई दी।
रात के पारे में भी गिरावट दर्ज
शनिवार रविवार दरमियानी रात के न्यूनतम तापमान ने भी गिरावट दर्ज कराना शुरू कर दी है। रविवार को रात का पारा 1.7 डिग्री सेल्सियस गिर गया। पिछले चार से पांच दिन पहले रात के पारे में वृद्धि दर्ज की जा रही थी। लेकिन पारा विगत दिवस की अपेक्षा 13.8 सेे गिरकर 12.5 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। लेकिन वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का प्रभाव दि ााई देने लगा है। आसमान में बादल इसी के कारण छाये रहे। अब रात का न्यूनतम तापमान फिर से बढऩे लगेगा और दिन का पारा लगातार गिरता जायेगा।
15 मिनट शहर में हुई मावठे की बारिश
मौसम विज्ञानियों ने जिस तरह का अंदेशा व्यक्त किया था, वह ठीक साबित हुआ। रविवार की शाम 7.12 बजे तेज और मध्यम बारिश शुरू हो गई। जोकि करीब 15 मिनट तक चलती रही। जीवाजीराव वेधशाला अधीक्षक राजेन्द्र प्रकाश गुप्त की मानें तो आज 8 जनवरी से लेकर 10 जनवरी तक बारिश के साथ दिन के तापमान में गिरावट का अलर्ट मौसम विभाग ने जारी किया है।
ज्ञात रहे कि विगत पांच दिन पहले से कोहरा छा रहा है। रविवार को आद्र्रता का प्रतिशत सुबह 86 और शाम को 88 प्रतिशत दर्ज की गई। आद्र्रता अधिक होने से बारिश ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। वातावरण में काफी नमी आने के कारण बारिश की संभावना बढ़ गई है।