उज्जैन, अग्निपथ। मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा शिप्रा शुद्धिकरण कोलेकर प्रशासन को दिए गए दिशा निर्देश के अनुसार नौ जनवरी को कलेक्टर नीरज सिंह अपनी पूरी टीम को लेकर सुबह 6.30 बजे शिप्रा नदी का भ्रमण करने के बाद शिप्रा शुद्धिकरण अभियान को मूर्त रूप देंगे।
इस संबंध में चर्चा के दौरान कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री की भावना के अनुसार शिप्रा नदी के उन स्थानों को देखा जाएगा जहां से गंदे नाले एवं खान नदी का पानी शिप्रा में मिल रहा है द्य उन स्थानों को चिन्ना अंकित करने के बाद योजना बनाकर शिप्रा शुद्धिकरण एक अभियान के रूप में चलाया जाकर पूर्ण रूप से पवित्र एवं शुद्ध किया जाएगा। आगामी मकर संक्रांति पर्व पर भी नागरिकों को शिप्रा का शुद्ध जल स्नान हेतु उपलब्ध हो इसके लिए भी प्रयास किए जाएंगे।
गौरतलब है कि रविवार को मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने बैठक लेकर अधिकारियों से कहा था कि सीवरेज एवं नालों का गन्दा पानी शिप्रा नदी में न मिले, इसके लिए उजैन एवं इन्दौर के अधिकारी प्लान तैयार करें। उन्होने कहा था कि यह चिन्ता का विषय है कि सीवरेज एवं नालों का गन्दा पानी शिप्रा में मिल रहा है।
नदी संरक्षण एवं पुर्नजीवन के लिए विशेषज्ञों की राय लेकर गन्दा पानी हम शिप्रा में जाने से कैसे रोके, इसका प्लान तैयार किया जाए। उज्जैन, इंदौर, देवास के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ नदी संरक्षण व संवर्धन की बैठक में सीएम ने निर्देश दिये थे कि गन्दे पानी के नाले एवं सीवरेज का पानी को रोकने के लिये सांवेर, रामवासा, पंथपिपलई, राघौपिपल्या में स्टापडेम बनाया जाये और यहां वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाया जाए।
वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से साफ हुए पानी का उपयोग किसान सिंचाई के लिए करें, इसके लिए किसानों को समझाईश भी दी जाए। सीएम के इन निर्देशों के पालन के लिए उज्जैन कलेक्टर मंगलवार सुबह से टीम को साथ लेकर निकल रहे हैं।
मकर संक्रांति स्नान के लिए नर्मदा का पानी शिप्रा में आना शुरू
शिप्रा का जल साफ करने के लिए नर्मदा का जल उज्जैन आने का क्रम शुरू हो गया है। ताकि मकर संक्रांति पर साफ पानी में श्रद्धालु स्नान कर सकें। प्रशासन का दावा है कि दो-दिन दिन में शिप्रा का पुराना पानी बहा दिया जायेगा, उसकी जगह पर शिप्रा में नर्मदा नदी का साफ जल आ जायेगा।
नर्मदा जल लाने में परेशानी भी हुई
दो बार बिजली का फाल्ट सुधारने के बाद अंतत: पाइप लाइन शुरू हुई और शनिवार रात 2 बजे से नर्मदा का पानी शिप्रा में आने लगा। प्रशासन व पीएचई के अधिकारी लगातार इसकी मॉनीटरिंग कर रहे हैं। इसलिए कि मकर संक्रांति के स्नान पर्व के लिए शिप्रा में साफ पानी चाहिए। पानी की आवक लगातार बनी हुई है। अधिकारियों की डिमांड करीब ढाई मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) पानी की है। लिहाजा वे 16 जनवरी तक लाइन चालू रखने की मांग कर रहे हैं। ताकि पाइप लाइन दो दिन देरी से चालू हुई।
दो दिन सप्लाय लाइन में हुए बिजली के फाल्ट को सुधारने में चले गए। यदि ऐसा नहीं होता तो गुरुवार से ही नर्मदा का पानी शिप्रा में आने लगता। अभी जो पानी आ रहा है, वह नदी के घाटों पर जमा गंदगी को आगे बहा रहा है। करीब 36-48 घंटे बाद गंदगी साफ होगी और साफ पानी नदी के प्रमुख घाटों पर भरने लगेगा।