उज्जैन, अग्निपथ। श्री राम जानकी मंदिर खाकी अखाड़ा मंगलनाथ रोड़ खाक चौक पर श्री गुरू पंचामृत द्वादश पुष्प अमृत महोत्सव में यज्ञाचार्य ज्योतिषाचार्य पंडित चंदन श्यामनारायण व्यास के आचार्यत्व में चल रहे सहस्त्र चंडी नवकुंडीय यज्ञ में दुर्गा सप्तशती के दिव्य मंत्रो से सम्पूर्ण अंकपात क्षेत्र गुंजायमान हो गया। पाठ तर्पण मार्जन के साथ धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष सब कुछ देने वाले अद्भुत ग्रंथ दुर्गा सप्त शती के आज शुक्रवार को होने 1000 पाठ पूरे हुए।
खाकी अखाड़े के श्रीमहंत अर्जुन दास महाराज ने बताया कि नव कुंड पर नव यजमान विश्व मंगल की कामना से आहुतियां दे रहे हैं। प्रत्येक कुंड का अलग आकार, प्रकार और भिन्न भिन्न कामना के लिए आहूतियां दी जा रही हैं। वास्तु अनुरूप बनी यज्ञशाला में गाय के शुद्ध घी से हवन हो रहा है। यज्ञ में यजमानों द्वारा ब्राह्मणों का पूजन किया गया। पं. व्यास ने बताया कि आज शुक्रवार को 5 लाख आहुतियां पूर्ण होगी वहीं शनिवार को अभिजीत मुहूर्त में पूर्णाहुति होगी।
उन्हें पूजो, जिन्होंने तुम्हारे लिये दुख उठाये, तुम्हे पाला पोसा
महोत्सव में चल रही श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा में सप्तम दिवस आचार्य डॉ. रामानंद दास महाराज ने रासलीला, मथुरागमन, कंस वध की कथा सुनाई। आपने कबीर के दोहा सुनाते हुए कहा कि दुनिया ऐसी बावरी पाथर पूजन जाए, यही हालत हमारी है दूर देवता की पूजा करने जाते घर के देवता की पूजा नहीं करते, घर के देवता तुम्हारे माता पिता है, उन्हें पूजो, तुम्हारे लिये दुख उठाये, तुम्हे पाला पोसा। शास्त्र कहता है माता देवता है, पिता देवता है, गुरू देवता है, दरवाजे पर पिता बैठा है, और दूर जाकर देवता पूज रहे हो, घर के देवता जो माता पिता है, जिनके रक्त से हम पैदा हुए, पहले उन्हें पूजो। ऐसे ही भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्र की पूजा का विरोध कर घर के देवता गिरिराज पर्वत का पूजन करवाया कहा जो गोवर्धन हमें सबकुछ दे रहा उसकी पूजा नहीं करते और इंद्र की पूजा करने जा रहे हैं।
ईश्वर दिखाई नहीं देता लेकिन सबको देख रहा है
आचार्य डॉ. रामानंद दास महाराज ने कहा कि तुम जैसा खाते हो, जैसा पीते हो जैसा संग करते हो वैसा रंग चढ़ता है और ऐसा ही तुम कर्म करोगे। ईश्वर दिखाई नहीं देता लेकिन वह सबको एक समान दे रहा है, जीव की प्रकृति, गुण शरीर के खराब है तो वह वैसा कर्म करता है। संस्कार आप में नही ंतो बच्चे को संस्कार क्या दोगे। आपने उनको सेवा का संस्कार दिया ही नहीं, आपने उन्हें बताया ही नहीं कि सेवा कैसे की जाती है तो बुढ़ापे में आपकी सेवा कैसे करेंगे।