इमरजेंसी सेवा अब 24 घंटे मिलेगी

  • सिविल सर्जन ने इमरजेंसी कक्ष के इंचार्ज को हटाया

  • कायाकल्प टीम के निरीक्षण पर आने के पूर्व की सर्जरी, स्टे्रचर और चादर कंबल व्यवस्था भी दुुरुस्त करने के निर्देश

उज्जैन, अग्निपथ। जिला अस्पताल की स्वच्छता और गुणवत्ता को जचने के लिए 22 जनवरी को कायाकल्प कि राज्य स्तरीय टीम फाइनल असेसमेंट करने के लिए पहुंच रही है। ऐसे में जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं को और चुस्त दुरुस्त करने के लिए सिविल सर्जन डॉक्टर पीएन वर्मा ने इमरजेंसी कक्ष का निरीक्षण किया। यहां के इंचार्ज को भी हटाकर दूसरा इंचार्ज बैठा दिया गया है। वहीं इमरजेंसी सेवा को 24 घंटे खुले रहने के निर्देश प्रदान किए हैं।

जिला अस्पताल में बुधवार को सिविल सर्जन डॉक्टर वर्मा ने निरीक्षण कर यहां के इमरजेंसी कक्ष का निरीक्षण किया। ज्ञात रहे कि 22 जनवरी की एक टीम फाइनल असेसमेंट के लिए जिला अस्पताल आ रही है। इमरजेंसी कक्ष के निरीक्षण के दौरान यहां के इंचार्ज सुनील बामनिया को हटाकर सुरेश यादव को पदस्थ किया है।

दरअसल इसके पहले टीम में निरीक्षण किया था तो इमरजेंसी कक्ष के ड्रेसिंग विभाग में खून लगी हुई कैंची टेबल पर रखी हुई देखी तो उन्होंने आक्रोश जताया था। विभाग को पूरी तरह से हाइजीनिक नहीं पाए जाने पर उन्होंने डांट फटकार भी लगाई थी।

डॉ. वर्मा ने अपने निरीक्षण के दौरान स्ट्रेचर की व्यवस्था क़े भी इंतजाम करने के निर्देश प्रदान किये। प्रत्येक वार्ड में जाकर डॉक्टर वर्मा ने स्थिति भी जानी । सिविल सर्जन डॉक्टर वर्मा के साथ आरएमओ डॉ. नीतराज गौड़, डॉ संगीता पलसानिया, सह अस्पताल प्रबंधक हिमांगी चौहान भी उपस्थित रही ।

1900 चादर दबा कर बैठा था लॉन्ड्री वाला

पिछले दिनों नेशनल क्वालिटी इंश्योरेंस की टीम ने जिला अस्पताल का दौरा किया था तो यहां चादर और कंबल गंदे पाए जाने पर नाराजगी जाहिर की थी। बताया जाता है कि रतलाम के लॉन्ड्री संचालक को जब ठेका सतना के ठेकेदार जाने की सूचना मिली तो करीब 1900 चादर और कंबल अपने पास दबा लिए थे। सिविल सर्जन डॉक्टर वर्मा के निर्देश के चादर और कंबल की व्यवस्था सुचारू हो गई है ।

डॉक्टरों का 1 दिन का वेतन कटेगा

सिविल सर्जन डॉक्टर वर्मा ने बताया कि ओपीडी के निरीक्षण के दौरान कई डॉक्टर अपनी सीट से गायब मिलते हैं। लिहाजा उन्होंने ऐसे डॉक्टरों का एक दिन का वेतन काटने के निर्देश प्रदान किए हैं। ज्ञात रहे कि कई डॉक्टर अपने निजी प्रेक्टिस करने के लिए क्लीनिक पहुंच जाते हैं जिसके चलते जिला अस्पताल में आए हुए मरीजों को चक्कर काटना पड़ता है। डॉक्टर वर्मा द्वारा लगातार निरीक्षण कर व्यवस्था देखी गई थी जिसमें कई डॉक्टर अनुपस्थित पाए गए थे ।

24 घंटे चालू रहेगी इमरजेंसी

सिविल सर्जन ने निर्देश प्रदान किए हैं कि परिजन कभी-कभी मरीजों को इमरजेंसी कक्ष की ओर ले जाते हैं जिसके चलते पुन: मरीज को ओपीडी में लाकर दिखाना पड़ता है.. ऐसे में मरीज को उपचार मिलने में विलंब होता है. इस परेशानी के निदान के लिए इमरजेंसी की सेवाएं 24 घंटे चालू रखने के निर्देश प्रदान किए है।

गौर तलब रहे की शाम को 6  बजे से सुबह 8 तक दो शिट में इमरजेंसी उपचार की व्यवस्था प्रदान की गई है। लेकिन अब तीनों शि ट में इमरजेंसी उपचार की व्यवस्था मरीजों को उपलब्ध रहेगी। यह प्रशंसा का विषय है कि जिला अस्पताल प्रबंधन इमरजेंसी सेवाओं में बढ़ोतरी कर मरीजों को समुचित व्यवस्था देने में जुट गया है.  डॉ वर्मा ने बताया कि जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं चुस्त दुरुस्त बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

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