उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर की लड्डू निर्माण इकाई पहुंचे सीएम; अयोध्या भेजना है 5 लाख लड्डू- 4 लाख तैयार
उज्जैन, अग्निपथ। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की चिंतामण-जवासिया स्थित लड्डू प्रसाद निर्माण इकाई पहुँचकर अयोध्या के लिए बन रहे लड्डुओं की निर्माण प्रक्रिया का अवलोकन किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्वयं भी लड्डू बनाए और उनकी पैकिंग भी की तथा लड्डू बना रहे कारीगरों से बातचीत की। इस दौरान श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासनिक अधिकारियों ने लड्डू निर्माण के बारे में बताया कि अयोध्या में नवनिर्मित भगवान श्रीराम मंदिर के शुभारंभ अवसर पर महाकालेश्वर प्रबंध समिति द्वारा 5 लाख लड्डू प्रसाद स्वरूप अयोध्या भेजे जा रहे हैं, इनमें से 4 लाख लड्डूबन चुके हैं तथा शेष एक लाख लड्डू बनाने का कार्य निरंतर जारी है।
अतिरिक्त कर्मचारियों को किया तैनात
प्रबंध समिति ने जानकारी दी कि लड्डू प्रसाद बेसन, रवा, शुद्ध घी और सूखे मेवों से बनाया जा रहा है। लड्डू प्रसाद निर्माण के लिए अतिरिक्त कारीगरों व कर्मचारियों को लगाया गया है। लड्डुओं को पैकेट में पैक कर अयोध्या भेजा जाएगा, एक लड्डू का वजन लगभग 50 ग्राम है।
अरुण योगीराज की बनाई मूर्ति गर्भगृह में लगेगी
अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाली रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज की बनाई गई प्रतिमा गर्भगृह में स्थापित होगी। उससे पहले के सभी कार्यक्रम की पूरी जानकारी सामने आ गई है। 22 जनवरी को दोपहर 12.20 से 1 बजे तक प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होगा। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, क्रस्स् प्रमुख मोहन भागवत और ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास अपने विचार रखेंगे।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने अयोध्या में मंदिर निर्माण कार्यशाला में सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त काशी के प्रकांड विद्वान गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने तय किया है। प्राण प्रतिष्ठा का कर्मकांड वाराणसी के महंत लक्ष्मीकांत दीक्षित करेंगे।
18 जनवरी को प्रतिमा गर्भगृह में स्थापित होगी
चंपत राय ने बताया कि गर्भगृह में स्थापित होने वाली रामलला की प्रतिमा का वजन 150 से 200 किलो है। रामलला की खड़ी प्रतिमा स्थापित होगी। 18 जनवरी को प्रतिमा गर्भगृह में अपने आसन पर खड़ी कर दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि कार्यक्रम की तैयारियों के चलते 20 और 21 जनवरी को रामलला के दर्शन बंद किए गए हैं। प्राण प्रतिष्ठा की पूजन विधि 16 जनवरी से शुरू हो जाएगी, जो 21 तक चलेगी। इससे पहले प्रतिमा की जल वास, अन्न वास, शैया वास, औषधि वास, फल वास पूजा होगी।
कर्नाटक के अरुण योगीराज की बनाई प्रतिमा गर्भगृह में स्थापित होगी
चंपत राय ने बताया कि गर्भगृह में विराजने वाली प्रतिमा का चयन कर लिया गया है। कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज की बनाई गई प्रतिमा गर्भगृह में स्थापित होगी। मेरे अनुसार उन्हीं की मूर्ति का चयन हुआ है। मूर्ति बनाते वक्त वह 15-15 दिन परिवार से बात नहीं करते थे। बहुत परिश्रमी लडक़ा है। उसकी मेहनत का फल मिला।
अरुण योगीराज ने नीले रंग की रामलला की मूर्ति बनाई है। इसमें रामलला को खड़े हुए धनुष-बाण लिए दिखाया गया है। प्रतिमा ऐसी है जो राजा के पुत्र की तरह और विष्णु का अवतार लगे। गर्भगृह में रामलला कमल के फूल पर विराजमान होंगे। कमल के फूल के साथ उनकी लंबाई करीब 8 फीट होगी। अभी फाइनल प्रतिमा की फोटो जारी नहीं की गई है।