शिकायतकर्ता हुआ पक्षद्रोही, शिनाख्त परेड भी नहीं हुई
उज्जैन, अग्निपथ। श्रावण-भादौ मास में निकलने वाली बाबा महाकाल की सवारी पर थूकने और पानी का कुल्ला करने के आरोपी बनाए गये युवक को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई। सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता और गवाह ने अभियोजन पक्ष का समर्थन नहीं किया और पक्षद्रोही हो गये। जिसके चलते हाईकोर्ट ने जमानत मंजूर कर ली।
17 जुलाई 2023 को श्रावण मास के दौरान बाबा महाकाल की सवारी पर टंकी चौक के समीप बिल्डिंग से थूकने और पानी का कुल्ला करने का मामला सामने आया था और सांप्रदायिक तनाव की स्थिति बन गई थी। खाराकुआ पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए 2 नाबालिगों के साथ अदनान मंसूरी को गिर तार कर लिया था।
मामले में राहुल लोट ने शिकायत दर्ज कराई थी और गवाह अजय खत्री को बनाया गया था। पुलिस ने हिरासत में लिये तीनों आरोपितों को न्यायालय में पेश किया था। जहां से नाबालिगों को बाल संप्रेक्षणगृह और अदनान को जेल भेजा गया था। कुछ समय बाद नाबालिगों को जमानत मिल गई थी। लेकिन अदनान की जमानत निचली अदालत से खारिज हो गई थी।
जिसके बाद मामला हाईकोर्ट इंदौर खंड पीठ में पहुंचा था। जहां जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान अभियोजन के दावों का समर्थन शिकायतकर्ता और गवाह ने नहीं किया और दोनों पक्षद्रोही हो गये।
सुनवाई के दौरान आरोपित पक्ष की ओर से अन्य तथ्यों को भी रखा गया। जिसमें सामने आया कि पुलिस जांच अधिकारी द्वारा आरोपितों की शिना त परेड़ भी नहीं कराई थी। सभी तथ्यों के आधार पर न्यायमूर्ति अनिल वर्मा ने अदनान मंसूरी की जमानत अर्जी को मंजूर कर लिया।
आरोपित का तोड़ दिया गया था मकान
गौरतलब हो कि मामले में अदनान और उसके नाबालिग साथियों का एक वीडियो भी वायरल हुआ था। मामले में पुलिस ने सांप्रदायिक सद्भाव बिगाडऩे के आरोप में गिरफ्तार करने के बाद अदनान का मकान भी अवैध होना मानकर तोड़ दिया गया था। इस मामले को लेकर एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स के कार्यकर्ता जैद पठान ने सवाल उठाए है और कहा कि आरोपितों का मकान ढहाए जाने के मामले में भी जांच होना चाहिये। अगर प्रशासन का कदम गलत पाया जाता है तो पीडि़त परिवार को मुआवजा दिया जाना चाहिये।