भव्य स्वरूप में रहेगा इस बार विकमोत्सव

Vikramaditya pratima rudrasagar ujjain

अभिनेत्री हेमा मालिनी और जूबिन नौटियाल देंगे प्रस्तुति, 40 दिवसीय महोत्सव 1 मार्च से 9 अप्रैल तक चलेगा

उज्जैन, अग्निपथ। विक्रमादित्य, उनके युग, भारत उत्कर्ष, नव जागरण और भारत विद्या पर एकाग्र विक्रमोत्सव-2024 का शुभारंभ 1 मार्च 2024 को होगा। कार्यक्रम की पूर्णता गुड़ी पड़वा के दिन 9 अप्रैल हो होगी ।

महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी ने मीडिया से चर्चा में बताया कि 40 दिवसीय विकमोत्सव की शुरूआत 1 मार्च से कलश यात्रा से होगी। इसी दिन विक्रम व्यापार उद्योग मेला, लोक रंग, महादेव मूर्तिकला कार्यशाला का उद्घाटन होगा। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में विक्रम वैदिक घड़ी का लोकार्पण, विक्रम पंचांग का विमोचन, सम्राट विक्रमादित्य अलंकरण समारोह शामिल है। निदेशक ने कहा कि इस वर्ष विक्रमोत्सव की गतिविधियों में सुप्रद्धि अभिनेत्री हेमा मालिनी और युवाओं की पसंद गायक जूबिन नौटियाल, अमित त्रिवेदी, हँसराज रघुवंशी से प्रस्तुति के लिए अनुरोध किया गया है।

8 मार्च को विश्व प्रसिद्ध नृत्यांगना हेमा मालिनी द्वारा शिव पर केन्रिन्त नृत्य नाटिका की प्रस्तुति दशहरा मैदान में की जायेगी। एक अप्रैल से 6 अप्रैल तक त्रिवेणी सभागार एवं विक्रम कीर्ति मन्दिर में पौराणिक फिल्मों का अन्तर्राष्ट्रीय महोत्सव भी आयोजित किया जायेगा, जिसमें एशिया, दक्षिण अमेरिका, अफ्रीकी देशों की पौराणिक फिल्मों का प्रदर्शन किया जायेगा।

विक्रमोत्सव में आकर्षण का केंद्र रहेगी 4 प्रदर्शनी

शोधपीठ के निदेशक ने बताया कि विक्रमोत्सव में 4 प्रदर्शनी (आर्ष भारत, पुनर्नवा उज्जयिनी, विक्रमकालीन मुद्रा एवं मुद्रांक, चौरासी महादेव, श्रीकृष्ण केन्द्रित प्रदर्शनी), श्रीकृष्णलीलामृत एवं विक्रम नाट्य समारोह अंतर्गत मध्यप्रदेश सहित गुजरात, आसाम, उत्तर प्रदेश, झारखण्ड, कर्नाटक, महाराष्ट्र के नाट्य समूहों द्वारा 13 नृत्य नाटिकाएँ, 9 नाट्य प्रस्तुतियाँ व एक महानाट्य का मंचन होगा (इसमें विदेशी समूहों द्वारा रामायण, महाभारत की प्रस्तुतियाँ व पारंपरिक नृत्य नाटिका भी शामिल है)।

इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय इतिहास समागम, राष्ट्रीय विज्ञान समागम, भजनामृत कार्यक्रम, पौराणिक फिल्मों का अंतरराष्ट्रीय महोत्सव (जिसमें एशियान, दक्षिण अमरीका, अफ्रीकी देशों की पौराणिक फिल्मों का प्रदर्शन एवं प्रतिनिधि शामिल होंगे)।

उन्होंने बताया कि विक्रमोत्सव अंतर्गत वेद अंताक्षरी, अखिल भारतीय वेद सम्मेलन, बोलियों पर केन्द्रित कवि सम्मेलन एवं अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन होंगे।

25 लाख दीपक माँ शिप्रा के चरणों में अर्पण

गुड़ी पड़वा, सृष्टि आरंभ दिवस, वर्ष प्रतिपदा, पिंगल सम्वत्सर का शुभारंभ, उज्जयिनी गौरव दिवस पर सूर्योपासना कार्यक्रम, महाकाल शिवज्योति अर्पणम् ( 25 लाख दीपक माँ शिप्रा के चरणों में अर्पण) व विक्रम विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह शामिल है।

संभाग आयुक्त ने ली विक्रमोत्सव समिति की बैठक

विक्रमोत्सव के कार्यक्रम को अन्तिम रूप देने के लिये बुधवार को संभागायुक्त डॉ.संजय गोयल की अध्यक्षता में विक्रमोत्सव समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में सांसद अनिल फिरोजिया, महापौर मुकेश टटवाल, उज्जैन उत्तर विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, नगर निगम सभापति कलावती यादव, पुलिस महानिरीक्षक संतोष कुमार सिंह, कलेक्टर नीरज सिंह, पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा, विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक डॉ.श्रीराम तिवारी, विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति अखिलेश पाण्डे, श्री विवेक जोशी, श्री संजय अग्रवाल सहित सम्बन्धित अधिकारीगण मौजूद थे।

विक्रम व्यापार उद्योग मेला लोकरंग

विक्रमोत्सव के दौरान ही विक्रम व्यापार उद्योग मेले का आयोजन भी किया जायेगा। यह मेला भी एक माह तक लगेगा। बताया गया कि ग्वालियर व्यापार मेला की तरह ही विक्रम व्यापार उद्योग मेले को भव्य रूप प्रदान किया जायेगा। व्यापार मेले के लिये जमीन का चिन्हांकन किया जा रहा है।

कलेक्टर नीरज सिंह ने बताया कि उद्योग विभाग एवं एमएसएमई विभाग के अधिकारियों के समन्वय से मेले का आयोजन किया जायेगा। मेले में इलेक्ट्रीक एवं व्हीकल, ऑटोमोबाइल के अलग-अलग सेक्टर रहेंगे। सांसद अनिल फिरोजिया ने सुझाव दिया कि शिप्रा क्रिकेट अकादमी में मेले का आयोजन किया जाये। कालिदास अकादमी में हैंडीक्राफ्ट एवं हैंडलूम की दुकानें लगाई जाये। हथकरघा उद्योग को भी प्रोत्साहन देते हुए भैरवगढ़ प्रिंट, चंदेरी एवं महेश्वरी साड़ी को भी जगह मिले। विधायकअनिल जैन कालूहेड़ा ने कहा कि उज्जैन सीएम सिटी के रूप में जानी जाती है।

महाकाल महालोक में सभी मूर्तियां पत्थर की लगेंगी

मीडिया से चर्चा में महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी ने बताया कि श्री महाकाल महालोक की सभी मूर्तियां पत्थर की की बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। वर्तमान में लगी मूर्तियों को धीरे-धीरे बदलकर उनके स्थान पर पत्थर की मूर्तियां लगाई जायेगी। इन मूर्तियों के रखरखाव के लिए उज्जैन में मूर्तिकला की कार्यशाला भी स्थापित की जा रही है।

विक्रम उत्सव के तहत इन आयोजनों की रूपरेखा तय

  • 1 मार्च को कार्यक्रम शुभारम्भ से पहले कलश यात्रा निकाली जायेगी। विक्रम व्यापार उद्योग मेला लोकरंग का आयोजन किया जायेगा।
  • इसी दिन वैदिक घड़ी एवं विक्रम पंचांग का लोकार्पण भी किया जायेगा। साथ ही आर्ष भारत एवं अन्य प्रकाशन तथा महादेव मूर्तिकला की कार्यशाला का भी आयोजन किया जायेगा। महादेव मूर्तिकला कार्यशाला को स्थाई रखने का प्रयास किया जायेगा।
  • 1 मार्च को सम्राट विक्रमादित्य अलंकरण समारोह भी आयोजित किया जायेगा, जिसमें सुप्रसिद्ध कलाकारों को सम्मानित किया जायेगा।
  • 3 मार्च को श्रीकृष्ण पर आधारित भक्ति गायन, महारास, यक्षगान, मयूरभंज का छाऊ नृत्य, कथक नृत्य की प्रस्तुति होगी।
  • 6 मार्च को बिड़ला भवन में आर्ष भारत, पुनर्नवा उज्जयिनी एवं विक्रमकालीन मुद्रा एवं मुद्रांक पर आधारित प्रदर्शनी लगाई जायेगी। चौरासी महादेव प्रदर्शनी एवं रामायण पर केंद्रित िनृत्य नाटिका की भी प्रस्तुति की जायेगी। महाकाल मन्दिर प्रबंध समिति के सहयोग से मन्दिरों में प्रभु श्रृंगार प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जायेगा।
  • 11 मार्च को कालिदास अकादमी परिसर में श्रीकृष्ण लीला नृत्य पर आधारित लोककला का प्रदर्शन होगा। कालिदास अकादमी में श्रीकृष्ण पर आधारित प्रदर्शनी एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम, भक्ति गायन की प्रस्तुति होगी। इसी दिन उड़ीसा राज्य का प्रसिद्ध गोटीपुआ नृत्य जो भगवान श्रीकृष्ण पर आधारित है, की प्रस्तुति होगी। आसाम का सत्रिया रास एवं उज्जैन के कलाकारों द्वारा श्रीकृष्ण नृत्य नाट्य की प्रस्तुति दी जायेगी।
  • 12 मार्च को कुचिपुड़ी नृत्य, झारखण्ड का छाऊ नृत्य, उत्तर प्रदेश का होली मयूर एवं चरखुला नृत्य की प्रस्तुति होगी।
  • 14 मार्च को बांसुरी वादन, अहिराई लाठी नृत्य एवं श्री जगन्नाथ प्राकट्य लीला की प्रस्तुति दी जायेगी।
  • 15 मार्च को श्री टीकम जोशी द्वारा श्रीकृष्ण पर आधारित कार्यक्रम की प्रस्तुति दी जायेगी।
  • 16 मार्च को पिया सांवरे, 17 मार्च को कृष्णायन,
  • 15 से 17 मार्च तक कालिदास अकादमी संकुल में अन्तर्राष्ट्रीय इतिहास समागम।
  • 18 से 19 मार्च तक विक्रम कीर्ति मन्दिर एवं डोंगला में राष्ट्रीय विज्ञान समागम,
  • 19 से 22 मार्च तक त्रिवेणी संग्रहालय में भक्ति संगीत के कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।
  • 1 से 7 अप्रैल तक विक्रम नाट्य समारोह के अन्तर्गत कर्ण, अंधायुग, अवंतिशौर्य, हमारे राम, चाणक्य, रानी दुर्गावती, रानी अवंतिकाबाई पर आधारित नाट्य का प्रदर्शन होगा। रामायण एवं महाभारत पर आधारित प्रस्तुति में पहली बार बाली इंडोनेशिया, वियतनाम, कंबोडिया, लाओस, श्रीलंका, थाईलेंड, फिजि, मलेशिया, म्यांमार आदि से कलाकारों को प्रस्तुति देने के लिये अनुरोध किया गया है। इसके साथ ही इरान, इराक, अफगानिस्तान एवं बांगलादेश से भी पारम्परिक नृत्य की प्रस्तुति देने के लिये संस्कृति विभाग के माध्यम से वहां के कलाकारों के लिये अनुरोध भिजवाया गया है।
  • 7 से 8 अप्रैल तक अखिल भारतीय वेद सम्मेलन का आयोजन महर्षि सान्दीपनि वेदविद्या प्रतिष्ठान में किया जायेगा। इसके अलावा बोलियों पर आधारित कवि सम्मेलन का आयोजन भी किया जायेगा।
  • 8 अप्रैल को कवि सम्मेलन का आयोजन घंटाघर चौराहा पर किया जायेगा, जिसमें ख्यातिप्राप्त कवियों को आमंत्रित किया जायेगा।
  • 9 अप्रैल को गुड़ी पड़वा पर महाकाल शिव ज्योति अर्पणम कार्यक्रम के तहत रामघाट पर 25 लाख दीपक जलाये जायेंगे। इस दौरान प्रसिद्ध गायक जुबीन नोटियाल एवं उनके दल द्वारा प्रस्तुति दी जायेगी। इसी दिन विक्रमोत्सव का समापन भी होगा।

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