नील गाय का किया शिकार, विभाग ने लगाए पिंजरे
शाजापुर, अग्निपथ। वन विहिन जिले में एक बार फिर जंगली जानवर की मौजूदगी के अंश मिले हैं। इसकी सूचना ग्रामीणों ने वन विभाग को दी। विभाग के अमले ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों से जानकारी जुटाई। साथ ही उन्हें अलर्ट रहने की समझाईश भी दी।
जिले के ग्राम बागली में जंगली जानवर ने एक नीलगाय का शिकार भी किया है। यह जानवर तेंदुआ है या कोई और अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। ग्रामीण भी अंधेरा होने के कारण स्पष्ट नहीं देख सके कि आखिर ये जानवर है कौन सा। ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने एक नील गाय को पीछे से जख्मी हालत मेें देखा था। इसके बाद उन्होंने एक अजीब सी आवाज भी सुनी थी। जिसके कारण उनके मुताबिक यहां तेंदुआ हो सकता है।
हालांकि उसने अभी तक किसी इंसान पर हमला नहीं किया है और न ही वह रहवासी इलाके में देखा गया है। जो लोग जंगल से देर शाम को लौट रहे थे उनके सामने ही यह वाकया हुआ है। जिसके बाद वन विभाग के डीप्टी रेंजर ललित उपाध्याय, वनरक्षक सीताराम तिवारी और रेस्क्यू एक्सपर्ट हरीश पटेल ने वहां पहुंचकर सर्चिंग की और ग्रामीणों को सतर्क रहने की समझाइश दी है।
आम बात है यहां जंगली जानवरों की मौजूदगी
वर्ष 2016 में यहां एक बाघ की मौजूदगी रही थी। जिसने यहां शिकार भी किया था। हालांकि उसने भी किसी इंसान को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया था। जिसे कड़ी मशक्कत के बाद पकडक़र सुरक्षित स्थान पर छोड़ा गया था। वहीं इसके बाद जिले के कई क्षेत्रों में तेंदुए भी यहां देखे जा चुके हैं, जिनमें से कुछ का रेस्क्यू वन विभाग ने कर उन्हें भी सुरक्षित स्थान पर छोड़ा गया था।
जिसके चलते यहां जंगली जानवरों की आमद होना आम है। जिनके रहने से किसानों को भी फायदा है, जो हिरणों का शिकार करते हैं जिनसे किसानों को कई बार फसलों का भी नुकसान होता है। लेकिन जंगली जानवरों के यहां होने से हिरण भी खेतों से दूर रहते हैं। हालांकि एहतियात के तौर पर यहां वन विभाग ने लोगों को अलर्ट रहने की समझाईश दी है।
इनका कहना
जंगली जानवर के यहां होने की जानकारी मिली है। हमने टीम को वहां भेज दिया है जो वहां नजर रखे हुए हैं। – मयंक चांदीवाल, डीएफओ-शाजापुर