9 में से 4.5 किलोमीटर काम बचा, 2 महीने में पूरा करने का लक्ष्य
उज्जैन, अग्निपथ। इंदौर-उज्जैन दोहरीकरण का काम पूरा होते ही रेलवे ने अब राऊ-महू डबलिंग प्रोजेक्ट पर काम तेजी से शुरू कर दिया है। करीब ढाई माह में 9 किलोमीटर का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इस ट्रैक पर फिलहाल 4.5 किमी में काम हो चुका है। रेलवे का दावा है कि बचा हुआ काम मार्च तक पूरा कर लेंगे। इस ट्रैक के पूरा होने से अप-डाउनर्स को फायदा होगा, क्योंकि महू से रतलाम, उज्जैन तक चलने वाली लोकल ट्रेनें क्रॉसिंग में नहीं अटकेंगी। इसके अलावा महू तक जाने वाली लंबी दूरी की ट्रेनों को भी फायदा होगा।
रेलवे के जानकारों का कहना है, इसका फायदा अभी तो मिलेगा ही, भविष्य में बड़ा फायदा तब मिलेगा, जब महू-खंडवा सेक्शन पूरा हो जाएगा। उत्तर-दक्षिण आने-जाने वाली ट्रेनें सीधी निकल सकेंगी। क्रॉसिंग में कोई ट्रेन नहीं अटकेंगी। रेलवे पैसेंजर एमीनिटीज कमेटी के पूर्व मेंबर नागेश नामजोशी ने कहा- इंदौर-उज्जैन डबलिंग फायदा मिलना शुरू हो गया है।
अब रेलवे राऊ-महू सेक्शन दो महीने में पूरा कर ही लेगा। भविष्य को देखते हुए रेलवे को राऊ के आगे जहां पीथमपुर लाइन जा रही है, वहां पर ‘वाय’ सेक्शन बनाना चाहिए। इससे फायदा यह होगा कि भविष्य में जो ट्रेनें पीथमपुर से आएंगी, उन्हें राऊ स्टेशन तक नहीं लाना पड़ेगा। वे सीधे महू की ओर निकल जाएंगी। इससे समय भी बचेगा।
इंदौर-उज्जैन दोहरीकरण प्रोजेक्ट
75.79 किमी के लक्ष्मीबाईनगर-देवास-उज्जैन डबलिंग प्रोजेक्ट को रेलवे ने तीन चरणों में पूरा किया। पहले चरण में उज्जैन से कड़छा तक 17.68 किमी हिस्से का काम 2 साल में, दूसरे चरण में कड़छा से बरलई के बीच 36.48 किमी का काम पूरा होने में सबसे ज्यादा 3 साल लगे। तीसरे और आखिरी चरण में रेलवे ने बरलई से लक्ष्मीबाईनगर के बीच 21.63 किमी हिस्से में काम किया। रेलवे ने इस हिस्से में सबसे तेज काम किया। यही कारण रहा कि महज 9 महीने में इसे पूरा कर लिया गया। मार्च में काम शुरू हुआ और दिसंबर में पूरा कर लिया।
राऊ-महू का काम जल्द पूरा करेंगे
रेलवे पीआरओ खेमराज मीणा ने मीडिया को बताया कि इंदौर-उज्जैन डबलिंग का काम पूरा हो गया है। इसका फायदा मिलना भी शुरू हो गया है। क्रॉसिंग की वजह से जो ट्रेनें अब तक अटक रही थीं, वे अब सीधी आ रही हैं। अब रेलवे ने राऊ-महू के बीच डबलिंग का काम तेजी से शुरू कर दिया है। जल्द इसे पूरा करने का लक्ष्य है।
अब यह फायदा हो रहा
- इंदौर से उज्जैन के बीच सफर में 15-20 मिनट कम लग रहे। अप-डाउन में 65 से ज्यादा ट्रेनों को सीधा फायदा होगा।
- क्रॉसिंग की वजह से ट्रेनें इंदौर आने में लेट नहीं हो रहीं। मालवा एक्सप्रेस, पटना, चंडीगढ़, रीवा सहित अन्य ट्रेनों को इसका फायदा।
- 2028 में उज्जैन में सिंहस्थ है। डबलिंग का सबसे ज्यादा फायदा यात्रियों को मिलेगा। इंदौर-उज्जैन आने-जाने में समय कम लगेगा।