कोर्ट में फर्जी वकालतनामा पेश कर रहा था
आगर-मालवा, अग्निपथ। न्यायालय की कार्रवाई के दौरान न्यायाधीश से अभद्रता करने वाले वकील के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। घटना के बाद से ही आरोपी वकील फरार है। इस बीच मप्र राज्य अधिवक्ता परिषद ने आरोपी की वकालात की सनद निलंबित कर दी है।
दरअसल, सोमवार शाम नगर के एक वकील नितिन अटल ने प्रथम जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायालय में उनसे जुड़े एक प्रकरण में पक्षकार के तौर पर अभिभाषक पुष्पराज सिंह का वकालतनामा पेश किया था। जिस पर दूसरे पक्ष के वकील ने अभिभाषक सिंह के हस्ताक्षर की बजाय कथित तौर पर फर्जी हस्ताक्षर किए जाने को लेकर आपत्ति जताई थी।
इससे बौखलाए नितिन अटल ने पीठासीन जिला व अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रदीप दुबे के साथ अभद्रता की। अपने वकील का वकालात नामा वापस मांगते हुए डाइज पर रखी फाइल में से वकालतनामा खींचने का भी उसने प्रयास किया।
जब न्यायाधीश ने उसे ऐसा करने से मना किया तो अटल ने अपना जूता उतार लिया और पीठासीन अधिकारी को मारने के लिए फेंका। जो उनके कान में लगा जिससे उनके कान में चोट आई। इस दौरान नितिन अटल ने डाइज पर चढक़र केस की फाइल छीनने का प्रयास किया। चिल्ला चोट करते हुए शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाई।
न्यायालय में मौजूद स्टाफ एवं कोर्ट मुंशी ने रोकने का प्रयास किया तो वह पीठासीन अधिकारी को उंगली दिखाकर जान से मारने की धमकी देने लगा। बीच बचाव करने आए न्यायालय के कर्मचारियों ने उसे रोका तो अभिभाषक अटल वहां से फरार हो गया, लेकिन उसका मोबाइल कोर्ट में गिर गया।
उक्त घटना से न्यायालय में हडक़ंप मच गया। सूचना मिलते ही एएसपी निशा रेड्डी सीएसपी मोतीलाल कुशवाहा व थाना प्रभारी दलबल के साथ न्यायालय पहुंच गए कुछ देर बाद कलेक्टर राघवेंद्र सिंह व एसपी विनोद कुमार सिंह भी न्यायाधीश दुबे से मिलने पहुंचे। बाद में नायब नाजिर ज्ञान सिंह किरार की शिकायत पर पुलिस ने धारा धारा 332, 353 294,506 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया है।
अधिवक्ता परिषद ने निलम्बित की सनद
न्यायालय में हुआ घटनाक्रम संज्ञान में आने के बाद मध्य प्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद ने अभिभाषक नितिन अटल की सनद आगामी आदेश तक निलंबित कर दी है। इस संबंध में मध्य प्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद की कार्यकारी सचिव गीता शुक्ला ने पत्र भी अभिभाषक अटल को जारी कर दिया है।