माकड़ौन की घटना को लेकर पाटीदार समाज ने जताया आक्रोश
शाजापुर, अग्निपथ। माकड़ोन में कुछ लोगों ने देश के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा को ट्रैक्टर से गिरा दिया था। 25 जनवरी को हुई इस घटना को लेकर पाटीदार समाज ने आक्रोश व्यक्त करते हुए रैली निकाली और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा, जिसमें आरोपियों के घर तोड़ेे जाने और उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही किए जाने की मांग की है।
समाजजनों ने बताया कि सरदार वल्लभभाई पटेल हमारे आदर्श हैं। जिनकी प्रतिमा के साथ कुछ असामाजिक तत्वों ने तोडफ़ोड़ कर उनका अपमान किया है। एक ट्रेक्टर से उनकी प्रतिमा को गिराया गया है। जिससे हम समाजजनों की भावनाएं आहत हुई है।
ज्ञापन में समाजजनों ने बताया कि इस कृत्य को अंजाम देने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए और उनके मकान गिराए जाएं। साथ ही उनके खिलाफ राजद्रोह व रासुका की कार्यवाही की जाए। ज्ञापन में समाजजनों ने मांग की है कि पुलिस ने कुछ समाजजनों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किए हैं जो कि निर्दोष हैं। उनके खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं। इसके अलावा जिस ट्रैक्टर से प्रतिमा गिराई गई है उसे भी राजसात किया जाए।
रैली के रूप में कलेक्टर कार्यालय पहुंचे समाजजन
घटना को लेकर समाजजनों ने आक्रोश व्यक्त किया और धोबी चौराहे से रैली निकाली। जिसमें शाामिल समाजजन सरदार वल्लभभाई पटेल के जयकारे लगाते हुए शामिल हुए। रैली के रूप में कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और ज्ञापन सौंपा।
पाटीदार समाज ने दी आंदोलन की चेतावनी
तराना, अग्निपथ। गत दिवस माकड़ौन में सरदार पटेल की प्रतिमा लगाए जाने के बाद उसे टै्रक्टर से हटाए जाने की घटना के बाद अब पाटीदार समाज ने मोर्चा खोलते हुए प्रशासन से प्रतिमा को पुन: उसी स्थान पर लगाने की मांग की है।
शनिवार को पाटीदार समाजजन बड़ी संख्या मे एकत्र हुए और पुराने पेट्रोल पम्प से जुलूस की शक्ल में एसडीएम कार्यालय पहुंचे। उपस्थित जन समुह ने सरदार पटेल के साथ ही जय श्रीराम के नारे लगाए। मदनलाल पाटीदार ने ज्ञापन का वाचन किया और मांग की गई कि दोषियों के मकान तोड़े जाए। जिस ट्रैक्टर से सरदार पटेल की मूर्ति को हटाया उसे राजसात किया जाए।
एसडीएम राजेश बौरासी ने जनसमूह को आश्वस्त किया कि दोषियों की गिरफ्तारी की गई है और नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। पाटीदार समाज ने मांग की है कि पुन: उसी स्थान पर पटेल की प्रतिमा स्थापित की जाए अन्यथा आंदोलन मप्र सहित अन्य राज्यों तक पहुंच सकता है।