ढाई माह बीते, अभी तक एक इंच कार्य भी नहीं हुआ
उज्जैन, अग्निपथ। जिला अस्पताल में एमआरआई मशीन लगाने की कवायद नवम्बर-2023 को शुरू कर दी गई थी। इसके लिये स्पॉट सिलेक्शन करने के लिये तकनीशियनों की टीम भी जिला अस्पताल पहुंची थी। इसके बाद लगता है कि इस मामले को फिर से ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।
शहर के लोगों को बड़ी सौगात स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदान की जा रही थी। पिछले नवम्बर माह के अंतिम सप्ताह में एमआरआई मशीन इंस्टाल करने के लिये स्पॉट निरीक्षण के लिये कृष्णा डायग्रोस्टिक सेंटर के तकनीशिनों ने जिला अस्पताल का दौरा किया था। उन्होंने डी वार्ड के पास स्थित जगह का निरीक्षण किया। लेकिन जगह कम होने के कारण इसको रिजेक्ट कर दिया गया।
इसके बाद तकनीशियन पुराना शिशु वार्ड के नीचे के तल का निरीक्षण करने के लिये भी पहुंचे। लेकिन यहां भवन की स्थिति जर्जर होने के कारण इसको फायनल नहीं किया गया था। सेठी बिल्डिंग के नीचे के तल जहां पर दवाई वितरण केन्द्र-5 खुला हुआ है। इस तल पर मशीन को इंस्टाल करना फायनल हुआ था। लेकिन इसके बाद से ही यह काम गति नहीं पकड़ पाया।
सेठी बिल्डिंग के कमरों को तोडऩा पड़ेगा
एमआरआई मशीन को इंस्टाल करने के लिये 1200 स्क्ेयर फीट जगह की जरूरत है। कृष्णा डायग्नोस्टिक सेंटर को यह काम मिला है। इसने एमवाय हास्पीटल में भी मशीन को इंस्टाल किया है। लेकिन एमआरआई मशीन लगाने के लिये इतनी जगह के लिये सेठी बिल्डिंग में दवाई वितरण केन्द्र के पास बने कमरों की दीवारों को तोडऩा पड़ेगा। लेकिन इस काम को भी अभी तक शुरू नहीं किया गया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगता है कि अभी तक इस काम को शुरू करने के लिये हरी झंडी नहीं मिल पाई है।
शहर के लोगों को मिलेगा फायदा
जिला अस्पताल में एमआरआई मशीन लग जाने से शहर के लोगों को अब निजी डायग्नोस्टि सेंटरों पर एमआरआई करवाने के लिये नहीं जाना पड़ेगा। और ना ही उनको अपनी जेब से इसकी जांच के लिये अधिक पैसा खर्च करना होगा। ज्ञात रहे कि एमआरआई निजी डायग्नोस्टिक सेंटरों को करवाना काफी खर्चीला है।
इसमें करीब 8 से 10 हजार रुपये का खर्चा आता है। हालांकि जिला अस्पताल में एमआरआई मशीन लग जाने से गरीब मरीजों के अलावा शहर के वह लोग जोकि प्रायवेट रूप से जांच करवाना चाहेंगे, उनको बाजार से कम शुल्क पर यह सुविधा मिल पायेगी।