ग्रामीणों ने पूर्व सरपंच पर लगाया मिली भगत का आरोप, कार्रवाई की मांग
शाजापुर, अग्निपथ। गांव की जिस जमीन को सरकारी बताकर उस पर बने लोगों के मकान तोड़े थे वह अब फिर निजी हो गई है। पूर्व सरपंच वहां निर्माण कर रहा है। इस धांधली के खिलाफ गांव के लोगों ने मोर्चा खोल दिया है।
ग्राम चौमा के लोग शुक्रवार को कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा, जिसमें ग्रामीणों ने बताया कि पहले जहां हम रहते थे उस जमीन को शासकीय बताकर हमारे पक्के मकान तोड़े गए थे। इसके बाद वहां हर मंगलवार को हाट बाजार लगता था, लेकिन अब पूर्व सरपंच धर्मेन्द्रसिंह बाघेला द्वारा वहां निर्माण किया जा रहा है।
जब जमीन शासकीय है तो वह निजी केसे हो गई और वहां निर्माण कार्य कैसे किया जा रहा है। इससे स्पष्ट होता है कि तत्कालीन सरपंच ने अधिकारियों से सांठगांठ कर जमीन की हेराफेरी की है ओैर उसे अपने नाम करवा लिया है।
ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 2005 में 2006 में ग्राम पंचायत चौमा के सरपंच पद गर पदस्थ धर्मेन्द्रसिंह वाघेला ने सरपंच पद का दुरुपयोग किया व अधिकारी वर्ग की मिली भगत से चौमा डाकबंगले पर शासकीय भूमि सर्वे नम्बर पुराने 885 व वर्तमान में नया सर्वे क्रमांक है। जिनमें बीच-बीच में शासकीय भूमि दर्शाकर अपने नाम से करवाई जो कि जांच का विषय है। वहीं पीडब्लूडी विभाग ने अगर सडक निर्माण में भूमि अधिग्रहण की है तो भूअर्जन अधिकारी से अनुमति क्यों नहीं की गई इसकी भी जांच की जाना चाहिए।
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि शासन के नियमानुसार अगर शासकीय प्रायोजन हेतु निजी भूमि की आवश्यकता होती है तो विधिवत भू-अर्जन अधिकारी की अहम भूमिका रहती है लेकिन अधिग्रहण के बाद व पहले कहीं भी भू-अर्जन अधिकारी की टीप व रिपोर्ट रिकार्ड अनुसार दिखाई नहीं दे रही है। जो कि अपने आप में अधिकारियों की मिली भगत का उदाहरण दे रही है। जो कि जांच के दायरे में आता है। ज्ञापन के माध्यम से ग्रामीणों ने मामले की निष्पक्ष जांच करने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।