साध्वी दीक्षा से पहले छोड़ा ऐश्वर्य दोनों हाथों से लुटाए सोना-चांदी

मुमुक्षु सलोनी का वर्षीदान वरघोड़ा निकाला

बडऩगर, अग्निपथ। नगर के मेहता परिवार की लाड़ली बिटिया सलोनी मेहता द्वारा संयम जीवन अंगीकार करने का पांच दिनी संयम श्रृंगार महोत्सव अपने चरम पर है। महोत्सव के चौथे दिन सलोनी का वर्षीदान वरघोड़ा निज निवास शिवाजी रोड से निकला। हर किसी के मुंह से सलोनी द्वारा साहस के साथ त्याग भरे संयम जीवन को अंगीकार किये जाने के प्रति बातें सुनने को मिली। पूरा नगर संयमी माहौल में रंग गया।

वरघोड़े में बैलगाड़ी में सिंहासन पर विराजित प्रभु, कलश लिए महिला मंडल, साध्वी भगवंत के साथ महिलाएं बालिका मंडल शामिल थीं। चल समारोह का जगह-जगह स्वागत एवं बहुमान हुआ। हाथी पर सवार दीक्षार्थी सलोनी ने अपने दोनों हाथों से सामग्री, रूपए-पैसे, चांदी – सोना उपहार के रूप में लुटाए तो जिनके हाथ ये उपहार लगे वो इन्हें पाकर धन्य हो गये। ऐतिहासिक चल समारोह में नगरजनों का उत्साह देखने लायक था। महिलाएं युवा टीम दीक्षार्थी अमर रहे के गगन भेदी नारों से आसमान गुंजायमान कर रहे थे। नृत्य की टोली भाव विभोर होकर दीक्षार्थी के प्रति अपनी भावनाएं प्रस्तुत कर रहे थी।

ज्ञानानंदी दीक्षा प्रवचन वाटिका में दान शाला का आयोजन किया गया। जिसमें बहन सलोनी मेहता द्वारा उपस्थित सभी महानुभाव महिला एवं पुरुष बच्चों सभी को आशीर्वाद रूपी उपहार देते हुए उपकृत किया। उल्लेखनीय है कि दीक्षार्थी के हाथों से मिला उपकार शुभ फलदाई होता है।

वहीं संयम जैसे विकट मार्ग पर बढऩे वाली नगर के गौरव नगर की बेटी का बहुमान करने के लिए जन-जन आतुर था। संयमी का बहुमान करके अपने दीक्षार्थी के उज्जवल संयम जीवन की कामना की। आदिनाथ बड़ा मंदिर ट्रस्ट, श्री संघ, श्री स्तुतिक जैन समाज, श्री संघ स्थानकवासी, जैन श्री संघ, दिगंबर जैन समाज, जय जिनेंद्र युवा ग्रुप सहित अनेक सेवाभावी संस्थाओं द्वारा बहन सलोनी का स्वागत किया गया वहीं लालबाग समिति द्वारा समिति सदस्य विधायक जितेंद्रसिंह पंड्या के नेतृत्व में मुमुक्षु का बहुमान किया।

संयम अंगीकार तो हर पल प्रभु से साक्षात्कार : गणिवर्य

भव्य रूप से निकले इस चल समारोह का समापन ज्ञानानदी दीक्षा मंडप में हुआ जहां मुनिराज ने मंगलाचरण फरमाया। पश्चात धर्म सभा को संबोधित करते हुए परम पूज्य गणीवर्य आनंदचंद्र सागर जी ने कहा कि आज दशहरा है कल दिवाली होगी, बडऩगर की बात निराली होगी। संयम जीवन तो बगैर रूपए पैसे और बिना मोह माया का होता है। जहां सिर्फ आध्यात्मिक की बातें होती हैं। संसार में तो लोभ मान माया आदि से आदमी घिरा रहता है।

दीक्षा से पहले प्रभु ने भी वर्षीदान किया था। आत्मा अविनाशी है दुनिया के पदार्थ विनाशी है। आज की गाड़ी कल का भंगार है, आज की साड़ी कल का मसोता है, आज का वैभव कल का गुलाम है। लेकिन संयम जिसने अंगीकार कर लिया उसके लिए तो हर पल प्रभु से साक्षात्कार है। आपने कहा सलोनी मेहता बुधवार को वीरता का वैभव बन जाएगी। स्वागत उद्बोधन विजय मेहता ने दिया। विधायक जितेंद्रसिंह पंड्या ने भी दीक्षार्थी की अनुमोदना की।

आज होगी दीक्षा विधि

दीक्षा महोत्सव समिति के मीडिया प्रभारी विजय गोखरू व राजकुमार नाहर ने बताया कि बुधवार को प्रात: संयमी अपना सांसारिक गृह त्याग कर ज्ञानानदी प्रवचन मंडप पहुंचेगी। जहां दीक्षा विधि प्रारंभ होगी और झूमते नाचते गाते संयमी वेश धारण कर रजोहरण प्राप्त करेगी। गुरु भगवंत द्वारा सलोनी मेहता का साध्वी के रूप में नया नामकरण किया जायेगा। दोपहर 2 बजे अमित पूजा मंडल द्वारा सत्तरभेदी पूजन भी पढ़ाई जाएगी। मेहता परिवार के राजेंद्र मेहता, पवन मेहता, अमित मेहता आदि ने समाजजन एवं सेवा में सहभागिता करने वालों महानुभावों की अनुमोदना की।

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