नारायणा मार्ग पर हुई वारदात को खुला राज, 2 आरोपी अब भी फरार
उज्जैन, अग्निपथ। डेढ़ साल पहले नारायणा मंदिर मार्ग पर हुई लूट की वारदात में शामिल बदमाश पुलिस की गिर त में आ गये है। वारदात में लूटा गया मोबाइल उत्तरप्रदेश में चल रहा था। पुलिस लोकेशन के आधार पर पहुंची और बदमाशों का सुराग मिल गया। लूट का मोबाइल खरीदने वाले 2 लोगों के साथ वारदात के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। 2 बदमाश फरार है। जिनकी तलाश की जा रही है।
महिदपुर थाना प्रभारी राजवीरसिंह गुर्जर ने बताया कि 19 सितंबर 2022 को थाना क्षेत्र के रहने वाले अनिरूद्ध जोशी नारायण मंदिर पर दर्शन के लिए जा रहे थे। उसी दौरान तुलसापुर फंटा पर बाइक से आए तीन बदमाशों ने उन्हें रोक लिया था और डरा धमकाकर समीप जंगल में ले गए। जहां 15 हजार रुपए कीमत का मोबाइल, एटीएम कार्ड लूटकर भाग निकले थे। बदमाशों ने मोबाइल और एटीएम का पासवर्ड भी ले लिया था।
अनिरूद्ध जोशी की शिकायत पर लूट का प्रकरण दर्ज किया गया था और लगातार तलाश की जा रही थी। अनिरूद्ध से लूटा गया मोबाइल सायबर की मदद से ट्रेस किया गया जिसकी लोकेशन उत्तरप्रदेश के जोतवांद पारा जिला बहराइच की होना सामने आई।
लोकेशन के आधार पर पुलिस पहुंची और मोबाइल चला रहे अब्दुल शेख को हिरासत में लिया। जिसने पूछताछ में बताया कि उसने मोबाइल साढ़े चार हजार रुपए में विशाल सोनकर निवासी मुंबई से खरीदा है। पुलिस विशाल की गिर तारी के लिए पहुंची, उसने कबूल किया गया कि मोबाइल उज्जैन में रहने वाले दोस्त यासिफ उर्फ आशिक पटेल से खरीदा था। दोनों को लूट का मोबाइल खरीदने के मामले में गिरफ्तार कर उज्जैन लाया गया और यासिफ की तलाश शुरू की गई।
मंगलवार रात भैरवगढ़ क्षेत्र के कालियादेह महल के समीप से उसे पकड़ा गया। जिसने अपने दो साथियों के साथ लूट की वारदात करना कबूल लिया। थाना प्रभारी गुर्जर ने बताया कि यासिफ पटेल की निशानदेही पर लूट में प्रयुक्त बाइक और अनिरूद्ध का एटीएम कार्ड बरामद कर लिया गया है। उसे दोनों साथियों का सुराग भी मिल चुका है। लेकिन दोनों फरार है। जल्द उन्हे भी गिरफ्तार किया जाएगा।
फिलहाल चोरी का मोबाइल खरीदने और वारदात करने वाले आरोपी को बुधवार दोपहर न्यायालय में पेश किया गया था। जहां से तीनों को जेल भेजा गया है। थाना प्रभारी के अनुसार चोरी का मोबाइल खरीदने और लूट की वारदात करने वाले बदमाश को गिर तार करने में सायबर सेल प्रभारी प्रतीक यादव, एसआई महेशसिंह चौहान, प्रधान आरक्षक धर्मेन्द्र प्रतापसिंह, आरक्षक मनोहर मोहरी की भूमिका रही है।