मामला माधव नगर अस्पताल में नवजात मृत पैदा होने का, परिजनों ने नहीं की शिकायत
उज्जैन, अग्निपथ। माधव नगर अस्पताल के प्रभारी अधिकारी डॉ.विक्रम रघुवंशी ने डिलेवरी के समय प्रशिक्षित विशेषज्ञ चिकित्सक उपस्थित नहीं था, जिसके चलते नवजात की मौत को खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि नवजात के मृत होने की जानकारी उनके परिजनों को भी थी। मामले को सही जानकर परिजनों ने भी किसी तरह की कोई शिकायत कहीं पर भी नहीं की है।
गुरुवार की रात का यह मामला था। जिसमें परिजन प्रसूता को लेकर माधव नगर अस्पताल पहुंचे थे। मामले में अस्पताल प्रभारी डॉ. रघुवंशी का कहना है कि जब भी अस्पताल में डिलेवरी के लिये कोई मरीज आता है, तब मरीजों को विशेषज्ञ चिकित्सकों तथा प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ के द्वारा मरीज की प्रार िभक जांच तथा उपचार की कार्रवाई की जाती है। तत्पश्चात ही डिलेवरी की कार्रवाई होती है।
लेबर रूम में नेहा चौहान की स बन्धित परिजनों की मौजूदगी में ही डिलेवरी हुई थी, जिसमें नवजात शिशु (सायोनोजड) मृत पाया गया, जिसकी जानकारी संबन्धित मरीज के परिजनों को थी। चूंकि मरीज के परिजन डिलेवरी के समय लेबर रूम ही स्टाफ के साथ उपस्थित थे। उनके समक्ष ही मृत नवजात शिशु ने जन्म लिया।
उक्त प्रकरण के पश्चात मरीज के परिजनों द्वारा किसी भी प्रकार की शिकायत या कार्रवाई चिकित्सालय से स बन्धित नहीं होना बताया गया। मृत नवजात शिशु पैदा होने के कई प्रकार के कारण संभव हो सकते हैं। शासकीय माधव नगर अस्पताल में मेडिकल आफिसर चौबीस घंटे उपलब्ध होते हैं। डॉ. रघुवंशी ने बताया कि प्रसूति के समय बच्चे का हेड सामने आने पर काला पड़ा हुआ था।