झाबुआ/थांदला। जिले के काकनवानी थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक क्रमांक 01 शफीउद्दीन ने थाने के माल गोदाम में रखी सर्विस रायफल से सुबह 7 बज कर 16 मिनट पर थाना प्रभारी के कक्ष में खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली। घटना के बाद पुलिस अधीक्षक आशुतोष गुप्ता भी काकनवानी थाना पहुंचे और घटना की जानकारी लेकर जांच के आवश्यक निर्देश दिए। प्रधान आरक्षक ने आत्महत्या क्यों कि इसकी पतारसी में पुलिस जुटी हुई है।
घटना स्थल पर थांदला एसडीओपी एमएस गवली, थाना प्रभारी दिनेश भवर, एफएसएल अधिकारी निनामा आदि मौजूद थे। पुलिस सूत्रों की माने तो दिवान जी ने किसी परेशानी के चलते यह कदम उठाया। परेशानी संभवत: बीमारी अथवा पारिवारिक विवाद की हो सकती है। पुलिस सारे तथ्यों को फोकस कर जांच में जुटी हुई है।
15 दिन पहले ही पता चली बीमारी-परिजन
घटना की जानकारी प्रधान आरक्षक के परिजनों को लगी तो उनके गृह नगर बडऩगर से मृतक दिवान जी के भाई आशिफ, पुत्र मिनाजुद्दीन सहित अन्य लोग पहुंचे। परिजनों की मौजूदगी में पुलिस ने पंचनामा बना कर शव पीएम हेतु थांदला भिजवाया। भाई आशिफ ने बताया कि शफीउद्दीन की बीमारी के बारे में 15 दिन पूर्व ही पता चला कि उनको शुगर और ब्लडप्रेशर की शिकायत है। परिजनों की माने तो शफीउद्दीन एक दिन पूर्व ही बडऩगर से काकनवानी आए थे। वही काकनवानी के उनके सहकर्मियों के अनुसार गुरुवार रात में लगभग साढ़े 9 बजे साथ में खाना खाया था।
थाने से कर्मचारी को किया रिलीव
पुलिस की माने तो शफीउद्दीन सुबह 7 बजे थाने आए और वहां कार्य कर रहे सफाईकर्मी और एक अन्य पुलिस कर्मचारी को यह कह कर रिलीव कर दिया कि अब में बना दूंगा जानकारी। पुलिस कर्मी जैसे ही थाने से गया दिवान जी नेचेनल गेट बंद किया और माल गोदाम खोल उसमें से रायफल लेकर थाना प्रभारी के कक्ष में गए। पुन: बाहर आए और बाहर की चेनल गेट से बाहर की ओर देखा और पुन: माल गोदाम से अन्य रायफल लेकर थानाप्रभारी के कक्ष में गए और एक बार पुन: बाहर निकल बाहर चेनल गेट से होकर माल गोदाम से एक अन्य रायफल लेकर थाना प्रभारी के कक्ष में गए उसके बाद वे बाहर नहीं ंआए। यह सब मामला थाने में लगे सीसीटीवी कैमरे कैद हो गया। उधर थाने के बाहर होटल लगाने वाले ने बताया कि घटना के समय वह चाय पी रहा था। गोली चलने की आवाज जरूर सुनी किन्तु वह समझा टायर फटा होगा।
गोली सिर से निकल छत से टकरायी
घटना स्थल पर मृतक दिवानजी का शव घुटने के बल औंधा पड़ा था जहां चारो ओर खून पसरा होकर सर्विस रायफल का अगला हिस्सा उनके घुटने से बाहर दिखाई दे रहा था। गोली गर्दन से चलाई होगी जिसके चलते रायफल की गोलियां उनके सिर से होते हुए कक्ष के छत से टकराई। कक्ष में छत पर जहां गोलियां लगी वहां का प्लास्टर भी उखाड़ा दिखाई दे रहा था।
पुलिस-परिजनों ने खंगाला आवास
घटना के बाद पुलिस परिजनों को लेकर दिवानजी शफीउद्दीन का आवास जहां वह किराए से रहते थे भी पहुंचे। हालांकि वहां भी घटना से संबंधित कोई साक्ष्य सुसाइड नोट आदि नहीं मिले। आवास के कक्षों में आगे दो पलंगों पर कुछ कपड़े बिखरे पड़े थे तो फुले हुए बलून थे। अंदर के कक्षों में एक मोबाइल और दो तस्वीरे थी जिसमे एक में किसी बालिका की तस्वीर थी, तो दूसरी में महिला और बालिकाओं के चित्र नजर आ रहे थे। परिजनों ने तस्वीरे पहचानने से इनकार किया है। अब पुलिस के लिए यह भी जांच का विषय बन गया कि आखिर यह तस्वीरें किसकी हैं। परिजनों के अनुसार मृतक के दो बेटे ही हैं।
लगातर बढ़ रहे मामले
जिले में पुलिस द्वारा आत्महत्या करने के मामले लगातार बढऩे लगे हैं। पुलिस आखिर किस मानसिक तनाव में रहती यह उच्चाधिकारी अभी भी पता लगाने में नाकामयाब है। झाबुआ डीआरपी लाइन में दो मामले हो चुके तो एक जिले की झकनावदा चौकी में हो चुका है। पुलिस मुख्यालय से लगातर पुलिस कर्मियों की शारीरिक, मानसिक जांच के दावे किए जा रहे, बाद उसके इस तरह की घटनाएं होना पुलिस विभाग के लिए चिंता का विषय है। मानसिक तनाव दूर करने विभाग ने योगा, प्राणायाम सहित खेल स्पर्धाएं भी कर रही है फिर पुलिस कर्मियों के आत्महत्या के मामले बढ़ते ही जा रहे हंै।