उज्जैन, अग्निपथ। हरसिद्धी की पाल स्थित प्राचीन श्री व्यंकटेश बालाजी मंदिर के संत नृसिंहदास जी को सोमवार को उज्जैन के समस्त अखाड़ो के महंत व संतों ने चादर-कंठी विधि कर महंत का पद प्रदान किया है। इस अवसर पर उज्जैन के समस्त संतो का स्वागत सत्कार किया गया।
निर्मोही अखाड़े से जुड़े महंत श्री भगवानदास जी महाराज ने व्यंकटेश बालाजी मंदिर के संत नृसिंहदास जी को अपने शिष्य के रूप में स्वीकार कर उन्हें महंत पद पर सुशोभित करने की स्वीकृति प्रदान की। इसके पश्चात 13 अखाड़ो के महंत व उज्जैन के अन्य आश्रमों के महंत व संतो द्वारा संत नृसिंहदास जी को चादर ओढ़ाकर कंठीमाला प्रदान की।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से रामादल अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत डा. रामेश्वरदास महाराज, महंत श्री दिग्विजय दास जी महाराज निर्वाणी अखाड़ा, महंत श्री रामसेवक दास जी निर्मोही अखाड़ा, महंत श्री महेशदास जी निर्मोही अखाड़ा, महंत श्री सेवानंदगिरी जी आवाहन अखाडा, महंत श्री विश्वात्मानंद जी बड़ा उदासीन अखाड़ा, महंत श्री कृष्णानंद जी अग्नि अखाड़ा, महंत श्री विद्याभारती जी जूना अखाड़ा, महंत श्री राघवानंद जी अग्नि अखाड़ा, महंत श्री बलरामदास जी शीतलामाता गौ-शाला, महंत श्री प्रेमगिरी जी अटल अखाड़ा, महंत श्री विशालदास जी महाराज, महंत श्री हरिहरदास जी रसिक, महंत श्री दिग्विजयदास जी बड़ा श्रीराम मंदिर सहित अन्य संत व महंत उपस्थित थे।