उज्जैन, अग्निपथ। सरकारी कर्मचारियों से ठगी करने वाले 2 जालसाजों को भोपाल साइबर क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। ये दोनों खुद को मुख्यमंत्री का ओएसडी (ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी) बताकर ट्रांसफर रुकवाने के लिए रुपए ऐंठते थे। मामले का खुलासा तब हुआ जब ठगी का शिकार एक कर्मचारी ने भोपाल साइबर क्राइम ब्रांच में शिकायत की।
जांच के बाद निवाड़ी जिले के सौरभ बिलगाइया और हरबल कुशवाह को दबोच लिया। पूछताछ की गई तो सामने आया कि ये अब तक 6 कर्मचारियों से 20 लाख रुपए से अधिक की ठगी कर चुके हैं। शुक्रवार को पुलिस ने दोनों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया।
दोनों को निवाड़ी से किया गिरफ्तार
भोपाल साइबर क्राइम ब्रांच ने एक शिकायत पर निवाड़ी से सौरभ बिलगाइया (32) और हरबल कुशवाह( 23) को दबोचा है। शिकायत में आवेदक ने ढाई लाख की ठगी की बात कही थी। इसके बाद पुलिस ने तकनीकी एनालिसिस और मैदानी स्तर पर साक्ष्य जुटाए।
सौरभ खुद को मुख्यमंत्री का ओएसडी बताकर ठगी करता है। वहीं, हरबल ठगी में मिले रुपयों को मनी ट्रांसफर करने वालों के खातों में डलवाता था। इसके बाद वे मनी ट्रांसफर करने वालों से रुपए ले लेते थे। दोनों के पास से 2 मोबाइल और 2 सिम कार्ड को जब्त किए गए।
कर्मचारियों को ऐसे जाल में फंसाते थे
सबसे पहले कर्मचारी के मोबाइल नंबर पर एक फर्जी ट्रांसफर लिस्ट भेजी जाती थी। जिस वॉट्सऐप नंबर से लिस्ट भेजते थे, उसकी डीपी (डिस्प्ले पिक्चर) में मध्यप्रदेश सरकार का लोगो होता था। जिससे कर्मचारी आसानी से भरोसा कर लेता था।बाद में सौरभ फोन लगाकर खुद को मुख्यमंत्री का ओएसडी बताता, और ट्रांसफर रुकवाने की बात कहता था। इसके लिए बाकायदा लेन-देन की बात तय होती थी। खास बात यह है कि ठगी के पैसे प्राप्त करने के लिए वे गांव के आसपास मनी ट्रांसफर वालों के खातों का इस्तेमाल करते थे।