29 फरवरी से 8 मार्च तक 9 दिन तक मनेगा नवरात्रि पर्व, भगवान महाकाल को सजेगा सेहरा
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि का पर्व नौ दिन पूर्व शिव नवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। परंपरा से महाशिवरात्रि के पहले भगवान कोटेश्वर का पूजन किया जाता है। शिवनवरात्रि के नौ दिन पूजन का क्रम चलेगा।
महाशिवरात्रि पर संध्या के समय सबसे पहले कोटेश्वर महादेव को सप्तधान्य अर्पण कर सेहरा श्रृंगार किया जाता है। इसके बाद बाबा महाकाल का महाभिषेक प्रारंभ होता है। इसके पीछे कारण है कि कोटेश्वर महादेव कोटितीर्थ कुंड के प्रधान देवता है, उनके पूजन अभिषेक के बाद ही कुंड से जल लेकर भगवान महाकाल का जलाभिषेक किया जाता है।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में शिवनवरात्रि का पर्व 29 फरवरी शिव पंचमी से प्रारंभ होकर महाशिवरात्रि पर्व 8 मार्च तक चलेगा। शिवनवरात्रि के पहले दिन से ही भगवान महाकाल अदभुत स्वरूप में दर्शन देते है और पहले दिन से ही महाकाल मंदिर के कोटितीर्थ कुंड के ऊपर स्थित कोटेश्वर महादेव का पूजन अभिषेक सबसे पहले करने की परंपरा है। यह क्रम नौ दिन रहेगा।
मंदिर के संजय पुजारी ने बताया कि श्री महाकालेश्वर मंदिर का परकोटा कोटितीर्थ कुंड से शुरू होता है। कोटेश्वर भगवान मंदिर में स्थित कोटितीर्थ कुंड के प्रधान देवता है। ब्रह्मांड में जितने भी जल के तीर्थ है, उन सभी तीर्थो का जल महाकाल मंदिर के कोटितीर्थ कुंड में समाहित है। इसी तीर्थ के जल से भगवान महाकाल का नित्य जलाभिषेक होता है। शिवनवरात्रि वर्ष में एक बार होती है। शिवनवरात्रि के पहले दिन से भगवान कोटेश्वर का पूजन अभिषेक सबसे पहले करने के पश्चात कोटितीर्थ का जल लेकर भगवान महाकाल का पूजन अभिषेक किया जाता है।
कोटेश्वर महादेव का रोज होगा पूजन-अभिषेक
शिवनवरात्रि पर्व के चलते प्रतिदिन कोटेश्वर महादेव का पूजन अभिषेक का क्रम चलेगा। महाशिवरात्रि के दिन भी संध्या के समय श्री कोटेश्वर महादेव का पूजन, पंचामृत पूजन, सप्तधान्य अर्पण, सेहरा श्रृंगार के बाद आरती होगी। इसके बाद बाबा महाकाल का महाभिषेक प्रारंभ होगा।
शिवनवरात्रि पर यह रहेगा पूजन-अभिषेक का क्रम
1. महाशिवरात्रि पर्व 8 मार्च से नौ दिन पूर्व 29 फरवरी से शिवनवरात्रि पर्व पर श्री महाकालेश्वर एवं कोटेश्वर महादेव का नित्य अभिषेक पूजन किया जाएगा।
2. श्री कोटेश्वर महादेव पर शिवपंचमी का पूजन अभिषेक 29 फरवरी को प्रात: 8 बजे से 9 बजे तक होगा। प्रथम दिवस 11 ब्राह्मणों एवं दो पुजारी सहायकों को सोला तथा वरूणी प्रदाय की जाएगी।
3. कोटेश्वर महादेव के पूजन आरती पश्चात श्री महाकालेश्वर का पूजन अभिषेक होगा। श्री महाकालेश्वर जी के पूजन पश्चात 11 ब्राह्मणों द्वारा एकादश- एकादशिनी रुद्राभिषेक पूरी शिवनवरात्रि के दौरान किया जाएगा। इसके बाद भगवान की भोग आरती होगी।
4. शिवनवरात्रि के दौरान अपरान्ह 3 बजे भगवान महाकालेश्वर का संध्या पूजन पश्चात श्रृंगार किया जाएगा। भगवान महाकाल को मुखारविन्द एवं आभूषण, नये वस्त्र धारण कराए जाएंगे। यह क्रम नवरात्रि के नौ दिवस तक नित्य चलेगा।
5. महाशिवरात्रि पर्व 8 मार्च को भी संध्या 7 बजे के बाद से रात्रि 10 बजे तक श्री कोटेश्वर महादेव का पूजन, पंचामृत पूजन, सप्तधान्य अर्पण, सेहरा श्रृंगार के बाद आरती होगी। इसके बाद रात्रि 11 बजे से भगवान महाकाल का महाभिषेक प्रारंभ होगा।
चमक गई गर्भगृह की चांदी, रजत द्वार भी जगमगाया
श्री महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि महापर्व पर सम्पूर्ण मंदिर में चांदी की सफाई का कार्य पूर्ण किया गया। गर्भगृह की दीवारों पर लगी चांदी, रुद्रयंत्र और रजत द्वार पर लगी चांदी चमचमाने लगी है।