उज्जैन, अग्निपथ। माध्यमिक शिक्षा मंडल, मध्य प्रदेश द्वारा आयोजित 10वीं हाई स्कूल एवं 12वीं हाई सेकेंडरी स्कूल परीक्षा में शामिल हो रहे सभी विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण समाचार है। एमपी बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन के चेयरमैन राधेश्याम जुलानिया द्वारा लागू किए गए सभी प्रकार के इनोवेशन मध्यप्रदेश शासन द्वारा निरस्त कर दिए गए हैं। सरल शब्दों में कहें तो, 10वीं एवं 12वीं की परीक्षाएं पुराने पैटर्न पर होंगी।
श्री जुलानिया ने ब्लूप्रिंट और मूल्यांकन पद्धति और प्रश्न पत्र प्रिंट कराने की प्रक्रिया में बदलाव कर दिया था। परीक्षा के ठीक पहले होने वाले इस बदलाव से करीब 18 लाख विद्यार्थी प्रभावित हो रहे थे। श्री जुलानिया के सभी फैसलों से स्कूल शिक्षा विभाग के मंत्री और अधिकारी सहमत नहीं थे, पर श्री जुलानिया ने नए पैटर्न पर ही परीक्षा कराना तय कर लिया था। इस स्थिति को देखते हुए राज्य शासन ने विशेष अधिकार मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल अधिनियम की धारा-9 का इस्तेमाल करते हुए सभी निर्देश निरस्त कर दिए हैं।
फैसलों के खिलाफ शासन का आदेश
शासन ने अपने आदेश में कहा है कि लॉकडाउन और लगातार कोरोना संक्रमण की स्थिति के चलते शैक्षणिक सत्र प्रभावित हुआ है। नियमित कक्षाएं नहीं लगीं और विद्यार्थी स्कूल आकर नहीं पढ़े हैं। इसलिए नए पैटर्न पर परीक्षा कराना ठीक नहीं होगा। इससे परीक्षा परिणाम प्रभावित होगी, जो छात्रहित में नहीं है। इसलिए प्रश्न पत्र प्रिंट कराने, ब्लूप्रिंट और मूल्यांकन पद्धति में बदलाव नहीं होगा।
कौन-कौन से बदलाव किए थे एमपी बोर्ड ने
मंडल अथवा में प्रश्नों की संख्या बढ़ा रहा था। (मसलन, कुल छह प्रश्नों में चार हल या पांच प्रश्नों में से तीन हल करने होंगे।) पहले हर दो प्रश्न में अथवा होता था। अब आठ या दस प्रश्न दे दिए जाएंगे। वहीं श्रेणी सुधार के लिए विद्यार्थी मुख्य परीक्षा के तीन माह बाद फिर से परीक्षा दे सकेगा। उसके रिजल्ट में उसी साल सुधार हो जाएगा। इसके अलावा कोई भी विद्यार्थी संकाय बदल सकेगा। दूसरी परीक्षा भी बोर्ड परीक्षा की तरह ही होगी और अंकसूची पर पूरक नहीं लिखा जाएगा।